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जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी JNU प्रशासन ने एकेडमिक कउंसिल की बैठक में बाधा डालने वाले छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुऐ 8 छात्रों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबित किये गए छात्रों की हॉस्टल सुविधा भी रद्द कर दी गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो पूर्व छात्रों की भी पहचान की है, जो कथित तौर पर इस घटना में शामिल थे.
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JNU प्रशासन के मुताबिक 23 सितंबर को एकेडमिक काउंसिल की बैठक थी. बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद ही हंगामा होने के चलते यह स्थगित हो गई. इसके बाद सोमवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक आयोजित हुई. बैठक में शिक्षकों की भर्ती, दाखिला संबंधी नियम समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी थी. लेकिन JNU शिक्षक संघ और छात्रसंघ के कुछ लोगों ने जानबूझ कर एकेडेमिक काउंसिल की बैठक में बाधा डालने की कोशिश की और वाइस चांसलर के साथ अभद्र व्यवहार किया.
JNU प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के लिए इन्क्वायरी गठित कर दी है.
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JNU छात्रसंघ करेगी फैसले का विरोध
JNU छात्र संघ ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा है कि वह हर कीमत पर निलंबन आदेश का विरोध करेगी. जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित पांडे के मुताबिक छात्रों की मांग थी की कॉउंसिल UGC की एक गजट अधिसूचना को स्वीकार करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, जिसके जरिए एमफिल और पीएचडी दाखिले के लिए साक्षात्कार एक मात्र योग्यता रखी गई है. लेकिन काउंसिल ने छात्रसंघ की मांगें नहीं सुनीं. जिन छात्रों पर JNU प्रशासन ने एक्शन लिया है उनमें बिरसा अंबेडकर फूले स्टूडेंट्स एसोसिएशन, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन, स्टूडेंट्स फ्रंट फॉर स्वराज, यूनाइटेड ओबीसी फोरम और एनएसयूआई के छात्र शामिल हैं.