
लगातार सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख का सामना कर रहा जेपी ग्रुप को थोड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने समय पर फ्लैट ना देने के मामले में एक्शन लेते हुए 10 फ्लैट मालिकों का मुआवजा घटा दिया है. इन 10 फ्लैट मालिकों को NCRDC की ओर से पहले 50-50 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया था, जिसे घटा कर अब कोर्ट ने 5 लाख रुपए कर दिया है. ये सभी फ्लैट मालिक नोएडा निवासी हैं. कोर्ट की ओर से कहा गया है कि वह अभी भी मुआवजे वाले मामले में नज़र बनाए रखेगा.
जेपी पर अपनाया था कड़क रुख
बता दें कि इससे पहले खुद को दिवालिया करार दिए जाने की कोशिशों में जुटे जेपी इंफ्राटेक ग्रुप पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख बरकरार था. कोर्ट कंपनी को 2000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया. कोर्ट ने इसके लिए कंपनी को 27 अक्टूबर तक का वक्त दिया है.
विदेश जाने से पहले लेनी होगी इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के एमडी सहित सभी निदेशकों के विदेश जाने पर रोक लगा दी है और कहा है कि जरूरी होने पर वह विदेश यात्रा के लिए पहले कोर्ट की इजाजत लें. कोर्ट ने कंपनी पर बेहद सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि कंपनी बंगाल की खाड़ी में डूबती है तो डूब जाए, हमें घर खरीदारों की फिक्र है. कोर्ट ने इसके साथ बैंकों को जेपी के फ्लैट्स खरीदने के लिए होम लोन लेने वालों के साथ नरमी बरतने के निर्देश दिए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा गठित संस्था अंतरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल्स (आईआरपी) को जेपी इंफ्राटेक के प्रबंधन की जिम्मेदारी लेने को कहा है. कोर्ट ने आईआरपी से कहा कि वह फ्लैट खरीदारों और देनदार के हितों की रक्षा के लिए 45 दिनों के अंदर एक सामाधान योजना उसे सौंपे.