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सीएम राजे और राजकुमारी दीया में तल्खी, राजमहल पैलेस पर कब्जा करने पहुंचा जेडीए

राजघराने की राजमहल पैलेस की 13 बीघा जमीन पर भी कब्जे को लेकर जयपुर विकास प्राधिकरण की जब्ती टीम सुबह 6 बजे राजमहल पैलेस पहुंच गई. तब राजघराने से जुड़े लोग सो रहे थे.

1729 में बना था राजमहल पैलेस 1729 में बना था राजमहल पैलेस
केशव कुमार/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 24 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:31 PM IST

जयपुर के मशहूर पांच सितारा राजमहल पैलेस को सुबह-सुबह राजस्थान सरकार ने सील कर दिया है. वहां से सभी लोगों को बाहर निकाल दिया गया है. जयपुर राजघराने के इस होटल और जमीन पर कब्जे को लेकर जयपुर में खूब ड्रामा भी हुआ.

सुबह 6 बजे शुरू हुई कब्जे की कार्रवाई
राजघराने की राजमहल पैलेस की 13 बीघा जमीन पर भी कब्जे को लेकर जयपुर विकास प्राधिकरण की जब्ती टीम सुबह 6 बजे राजमहल पैलेस पहुंच गई. तब राजघराने से जुड़े लोग सो रहे थे. सौ से ज्यादा पुलिसकर्मियों और दर्जनों अधिकारियों की फौज ने घरों से सामान निकालकर पुरानी हवेलियों को तोड़ना शुरू कर दिया. इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया.

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राजकुमारी के विरोध के बावजूद कब्जा
राजकुमारी और बीजेपी की पूर्व एमएलए दीया कुमारी भागी-भागी राजमहल पैलेस पहुंची. वहां कोर्ट के कागजात दिखाकर कब्जे की कार्रवाई रोकने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी. नाराज दिया कुमारी ने अधिकारियों को खूब खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने अपने ही बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार खाली पड़ी इस जमीन पर मॉल बनाने के लिए कब्जा करवाना चाहती है.

महारानी-राजकुमारी में दोस्ती बिगड़ने की चर्चा
सियासी हलकों से लेकर आम जनता में हर तरफ चर्चा हो रही है कि आखिर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजकुमारी दीया कुमारी की दोस्ती में क्या बिगड़ा कि नौबत कब्जा लेने तक की हो गई. वसुंधरा राजे ने ही जयपुर की राजकुमारी को बीजेपी का टिकट देकर सवाई माधोपुर से विधायक बनवाया है.

दो दिन पहले ही पैलेस गई थी सीएम राजे
मुख्यमंत्री की भुटान यात्रा के लिए जयपुर से बाहर जाते ही कब्जे की आचानक कार्रवाई से तरह-तरह के कायास लगाए जा रहे हैं. इस मामले पर राजपरिवार और सरकार दोनों ही आधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. दो दिन पहले ही इसी जयमहल पैलेस में मुख्यमंत्री ने जयपुर राजघराने के साथ डिनर किया था और दो दिन बाद ही कब्जे में लेने को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है.

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आजादी के बाद से ही पैलेस पर सरकार की नजर
आजादी के बाद राजस्थान सरकार ने इस पैलेस के आस-पास की जमीन कब्जे में लेने के फैसला किया. 1993 में सरकार ने अवाप्ति के तहत पैलेस के बाहर की 12 बीघा जमीन कब्जाकर मुआवजा राजपरिवार के खाते में जमा करवा दिया. राजपरिवार ने उसे लेने से मना कर दिया.

कोर्ट में विचाराधीन है मामला
मामला कोर्ट में चल रहा है और सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त रीसिवर बैठा है लेकिन इसके बावजूद राजस्थान सरकार ने इसे कब्जे में ले लिया. सरकार ने ये कहते हुए होटल को सील कर दिया कि इसके निकले के दरवाजे अवाप्ति की हुई जमीन में आते हैं.

1729 में बना था राजमहल पैलेस
राजमहल पैलेस को 1729 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने बनाया था. बाद में 1821 में राजमहल राजपूताना के ब्रिटिश निवासी राजनीतिक अधिकारी के सरकारी निवास बन गया. तब इसे रेसीडेन्सी नाम दिया गया. 1958 में जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय ने इसे राजपरिवार का आधिकारिक निवास बनाया. इस पैलेस में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, एचआरएच एडिनबर्ग समेत ब्रिटिश शाही परिवार के कई अन्य सदस्यों सहित जैकी कैनेडी, लॉर्ड और लेडी माउंटबेटन और ईरान के शाह रुक चुके हैं.

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