Advertisement

नीतीश का यूपी दौराः एक दूसरे के निशाने पर जेडीयू और सपा

जेडीयू सांसद केसी त्यागी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पर सपा के हमले पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि नीतीश के यूपी दौरे पर सवाल उठाने वाले पहले इस बात का जवाब दें कि लोकसभा चुनाव में सपा बिहार में क्या करने गई थी?

समाजवाद का दम भरनेवाले दलों में एक-दूसरे पर आरोप समाजवाद का दम भरनेवाले दलों में एक-दूसरे पर आरोप
केशव कुमार/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2016,
  • अपडेटेड 12:38 AM IST

समाजवादी पार्टी ने नीतीश कुमार के यूपी दौरे और शराबबंदी की मांग पर कड़ा बयान दिया तो जेडीयू ने उनपर पलटवार किया है. जेडीयू सांसद केसी त्यागी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर सपा के हमले पर जमकर निशाना साधा. त्यागी ने कहा कि नीतीश के यूपी दौरे पर सवाल उठाने वाले पहले इस बात का जवाब दें कि लोकसभा चुनाव में सपा बिहार में क्या करने गई थी?

Advertisement

लोकसभा चुनाव में बिहार क्यों गई थी सपा
त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार तो शराबबंदी के नैतिक काम के लिए गए थे. समाजवादी पार्टी के लोग लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में क्या करने गए थे. लोकसभा चुनाव के दौरान जेडीयू और सपा नेताओं की ओर से तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश हुई थी. बाद में मुलायम सिंह एन मौके पर मोर्चे का दामन छोड़ कर बिहार के चुनावी समर में अकेले उतर गए थे.

यूपी में जेडीयू-कांग्रेस गठबंधन से सपा नाराज
उन्होंने कहा कि अब नीतीश का यूपी में आकर कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात करना समाजवादी पार्टी को रास नहीं आ रहा है. सपा को लग रहा है कि कहीं नीतीश का यह कदम उनके लिए नुकसानदेह तो नहीं है. इसीलिए सपा ने बयान जारी कर नीतीश कुमार पर कई तरह के आरोप मढ़ डाले.

Advertisement

सपा के दुष्प्रचार से सांप्रदायिक ताकत मजबूत
त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इधर जब विधानसभा चुनाव पास आते जा रहे हैं तो अहमदाबाद, हैदराबाद, नागपुर और पटना का संयुक्त अभियान यही है कि प्रदेश के मतदाताओं को असामयिक मुद्दे उछालकर कैसे भ्रमित किया जाए. इनका नया शिगूफा शराबबंदी और महागठबंधन का हौआ बनाना है. उन्होंने कहा कि जनता को बहलाने के लिए इस तरह के दुष्प्रचार से सांप्रदायिक ताकतों को ही बल मिलने वाला है.

बिहार में आग लगी और सैर कर रहे हैं नीतीश
इसके पहले समाजवादी पार्टी ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब पड़ोसी बिहार में आग लगी हुई है तब उनके नेता उत्तर प्रदेश में पर्यटन में व्यस्त हैं. समाजवादी घराने की दोनों पार्टियां आने वाले 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं. एक पार्टी को जहां अपनी साख बचानी है तो दूसरी पार्टी को अपने नेता के लिए पीएम की जमीन तलाशने का एक बड़ा अवसर है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement