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जिसे दो नंबर का पैसा कमाने की लत हो, वह सबको उसी नजर से देखता है: JDU

तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि बिहार में कोई भी काम करवाना हो तो उसे आरसीपी सिंह को पैसे टैक्स के रूप में देने पड़ते हैं, वरना उसका काम नहीं हो सकता. तेजस्वी के इसी आरोप पर जदयू ने पलटवार करते हुए कहा कि जिसको दो नंबर का पैसा कमाने की लत लग गई हो वह सबको उसी नजर से देखता है.

तेजस्वी यादव (फाइल फोटो-PTI) तेजस्वी यादव (फाइल फोटो-PTI)
अजीत तिवारी/रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 12 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव 10 फरवरी से संविधान बचाओ यात्रा पर निकले हुए हैं. उन्होंने अपनी पहली दो सभाओं में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि बिहार में दो तरह के टैक्स चलते हैं, एक इनकम टैक्स और दूसरा आरसीपी टैक्स.

तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि बिहार में कोई भी काम करवाना हो तो उसे आरसीपी सिंह को पैसे टैक्स के रूप में देने पड़ते हैं, वरना उसका काम नहीं हो सकता. तेजस्वी के इसी आरोप पर जदयू ने पलटवार करते हुए कहा कि जिसको दो नंबर का पैसा कमाने की लत लग गई हो वह सबको उसी नजर से देखता है.

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पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि बिहार में 1990 से लेकर 2005 तक, लालू-राबड़ी के शासनकाल के दौरान लगने वाला जंगलराज टैक्स लोगों को आज भी अच्छी तरीके से याद है. संजय सिंह ने कहा कि बिहार में कैसे अपहरण के बाद फिरौती और रंगदारी वसूली का टैक्स लोगों को देना पड़ता था यह आज तक कोई नहीं भूला है.

लालू परिवार पर निशाना साधते हुए संजय सिंह ने कहा कि उनके शासनकाल के दौरान भले ही सरकार राजस्व वसूली में घाटे में रहती थी, लेकिन जंगलराज टैक्स वसूलने वाला लालू परिवार अकूत संपत्ति का मालिक बन गया.

जदयू प्रवक्ता ने कहा कि जनता ने जंगलराज टैक्स वसूलने वालों का अध्ययन करके ही उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया है. लालू पर दो नंबर का पैसा कमाने की आदत का आरोप लगाते हुए जदयू ने कहा कि उनके बच्चे भी अब सिर्फ दो नंबर का पैसा कमाने के फिराक में लगे रहते हैं.

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पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान बिहार का बजट मात्र साढ़े 3 हजार करोड़ रुपए का था मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का बजट 1 लाख 65 हजार करोड़ का हो गया है.

जदयू ने कहा कि लालू राज के दौरान विकास का मतलब सड़कों पर गड्ढे, जिला मुख्यालय से गांवों का संपर्क रास्ता नहीं होना, गरीबों को और गरीब रहने देना, शिक्षा के क्षेत्र में चरवाहा विद्यालय खोलना, शिक्षकों की बहाली ना करना, दर्जनों नरसंहार कराना, लूट, हत्या, फिरौती और अपहरण के उद्योग स्थापित करना था. लालू के राज में इसी इसी तरह का विकास हुआ.

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