
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही शराबबंदी को बड़ी उपलब्धि मानते हैं, लेकिन उनके ही पार्टी के लोग इस मिशन को फेल करने में लगे हैं. जी हां, ऐसा ही कुछ मामला दरभंगा जिले में देखने को मिला, जहां जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता को नशे की हालत में बवाल काटने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया.
जानकारी के मुताबिक, आरोपी का नाम इकबाल अंसारी है, जो जेडीयू के तकनीकी प्रकोष्ठ का जिला अध्यक्ष है. उसने नशे की हालत में अपने ही घरवालों से मारपीट शुरू कर दी. मामला जब ज्यादा गंभीर हो गया, तो पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने तत्काल इकबाल अंसारी को हिरासत में ले लिया.
इसके बाद उसे दरभंगा अस्पताल में मेडिकल भी कराया गया. वहां ब्लड के सैंपल के साथ ब्रेथ एनालाइजर से उसकी जांच की गई. इसमें काफी मात्रा में अल्कोहल भी पाया गया. नशे की पुष्टि होते ही पुलिस ने त्वरित कारवाही करते हुए जदयू नेता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस दौरान वह अपना धौंस दिखाता रहा.
इधर सत्ताधारी पार्टी से संबंध होने के नाते पुलिस के छोटे से बड़े अधिकारी पूरी तरह मौन हैं. कोइ भी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. यहां तक की दरभंगा के एसएसपी भी अपनी लाचारगी जताते कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. बड़ा सवाल ये है कि शराबबंदी के बाद भी बिहार में लोगों को शराब कैसे मिल रही है.
बिहार में शराबबंदी के खिलाफ चलाई मुहिम
बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में दोबार सत्ता संभालते ही शराबबंदी लागू कर दिया था. 1 अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी लागू है. 21 जनवरी 2017 को करीब चार करोड़ लोगों ने पूरे बिहार में शराबबंदी के पक्ष में मानव श्रृंखला बनाई थी. अब वो दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं.
दहेज और बाल विवाह के खिलाफ आंदोलन
इसके तहत 2 अक्टूबर को नीतीश कुमार ने बिहार की जनता को दहेज और बाल विवाह की प्रथा को खत्म करने का संकल्प दिलाया. इस अवसर पर लोगों ने शपथ लिया कि वो न दहेज लेंगे और ना ही देंगे. इस मुहिम का मुख्य कार्यक्रम पटना में हुआ, जबकि जिलास्तर, ब्लॉक स्तर और पंचायत स्तर पर भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ.