
आरक्षण पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने भले ही सफाई पेश कर दी हो, लेकिन उनकी कोशिश विरोध की आग बुझा पाने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई. जदयू और कांग्रेस ने आरक्षण के मुद्दे पर संघ और मोदी सरकार पर निशाना साधा है.वहीं बीजेपी सांसद उदित राज ने भी वैद्य के बयान से असहमति जताई है. इस मसले पर 'आज तक' ने, उदित राज जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव और कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला से खास बातचीत की.
आरक्षण दलितों और ओबीसी की जीवन रेखा
भाजपा सांसद उदित राज ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के आरक्षण वाले बयान पर असहमति जताई है. उदित राज ने कहा, 'मनमोहन वैद्य का आरक्षण खत्म करने वाला बयान गलत है. मैं वैद्य के बयान से सहमत नहीं हूं. आरक्षण दलितों और ओबीसी की जीवन रेखा है.'
दलितों की लड़ाई लड़ता रहूंगा
बीजेपी सांसद ने कहा, 'आरक्षण खत्म करने का बयान जो भी देगा, उससे हम असहमत हैं. चाहे हमारे बाप भी आरक्षण खत्म करने की बात बोलें, हम उनका समर्थन नहीं करेंगे. अगर आरक्षण खत्म किया गया तो दलित 70 साल पहले की स्थिति में पहुंच जाएंगे. जिस उदितराज को आप जानते थे, आज भी वही उदितराज है. मैं दलितों की लड़ाई लड़ता रहा हूं और आगे भी लड़ूंगा फिर चाहे वो कोई भी हो.'
शरद यादव ने आरएसएस प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के आरक्षण पर दिए बयान को लेकर कहा कि ये बात इनको समझ में नहीं आई है कि भारत 80 फीसदी आरक्षित लोगों का है. इनके दिल में जो बात है, वही बार-बार बाहर निकल आती है. पहले बिहार में संघ प्रमुख मोहन भागवत का यही बयान आया था, अब उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले मनमोहन वैद्य का बयान आया है. इनका जो हाल बिहार में हुआ था, वो ही हाल यूपी में भी होगा.
आरक्षण विरोधी है संघ: शरद यादव
शरद यादव ने कहा कि आरएसएस की किताब में लिखा हुआ है कि वे आरक्षण विरोधी हैं. आरएसएस को चर्चा का निमंत्रण देते हुए यादव ने कहा कि इन चुनावों के बीच अगर आरक्षण पर चर्चा हो जाए, तो पता चल जाएगा कि देश की जनता किसके साथ हैं.
दलितों के हित में काम नहीं कर रही मोदी सरकार: कांग्रेस
शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह सरकार दलित विरोधी है. मनमोहन वैद्य का जो बयान है, वही पीएम नरेंद्र मोदी की मानसिकता भी है, वरना देश में यह हालात आज नहीं होते. रोहित वेमुला से लेकर वीके सिंह के बयान तक जिस तरह से लगातार दलित उत्पीड़न देश में बढ़ रहा है उससे यह साफ है कि सरकार को दलितों की कोई चिंता नहीं है. आरक्षण को लेकर संघ की मानसिकता भाजपा की मानसिकता है और इसका परिणाम उनको बिहार में देखने को मिला, अब उत्तर प्रदेश में भी उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त होगी.