Advertisement

US के खिलाफ वोटिंग पर स्वामी ने मोदी सरकार को घेरा, बोले- भारत ने गलती की!

उन्होंने कहा कि हमने हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन किया है, जो कश्मीर के मामले में हमेशा हमारा विरोधी रहा है. इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन और अन्य फोरम में फिलिस्तीन ने भारत का विरोध किया है.

बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी (फाइल) बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी (फाइल)
नंदलाल शर्मा/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली ,
  • 22 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST

येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ यूनाइटेड नेशंस में वोट करने पर बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार को घेरा है. स्वामी ने कहा कि ये फैसला भारत के हित में नहीं है. भारत की क्रेडिबिलिटी पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. न तो अमेरिका और न ही इजरायल हम पर भरोसा करेंगे.

Advertisement

उन्होंने कहा कि हमने हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन किया है, जो कश्मीर के मामले में हमेशा हमारा विरोधी रहा है. इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन और अन्य फोरम में फिलिस्तीन ने भारत का विरोध किया है. स्वामी ने कहा कि ये कांग्रेस की पुरानी नीति है. अमेरिका और इजरायल के पक्ष में वोट न करके भारत ने बड़ी गलती की है. बता दें कि अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी महीने पश्चिमी येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी. और अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से पश्चिमी येरूशलम ले जाने की घोषणा की थी. 

संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में भारत की वोटिंग को लेकर स्वामी ने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है. मैंने गुरुवार को विदेश मंत्रालय की सलाहकार कमेटी में यह सवाल उठाया था और पूछा कि आपने विचार किया कि कांग्रेस की पॉलिसी को आगे ले जाना है या इसमें पुनर्विचार होना चाहिए.

स्वामी ने कहा, 'मेरे सवाल पर विदेश सचिव जयशंकर ने कहा कि हमने सोच विचार किया, लेकिन क्या विचार किया ये नहीं बताया. मैं अगली मीटिंग में यह सवाल उठाऊंगा.'

Advertisement

परंतु ये जो पॉलिसी हमने अपनाई है वह कांग्रेस की पॉलिसी है. वह चापलूसी वाली पॉलिसी है. तुष्टीकरण की पॉलिसी है. यह हमारे लिए अनुकूल नहीं है'

बीजेपी नेता ने कहा कि फिलिस्तीन अथॉरिटी देश नहीं, यूएन का बनाया हुआ एक टेंपरेरी ब्लॉक है. फिलिस्तीन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज में हमारा डटकर विरोध करता है. गुजरात पर उन्होंने इतने प्रस्ताव पास कराएं हैं, कश्मीर के मुद्दे पर फिलिस्तीनी हमारे विरोध में बोलते हैं और उसके लिए हम वोट दें.'

उन्होंने कहा कि इजराइल हमारा दोस्त है, जो हमें रोज मदद करता है. आतंकवाद से जुड़ी इतनी जानकारी उपलब्ध कराता है जो कोई और देश नहीं देता है. अमेरिका के साथ हम रणनीतिक गठजोड़ बनाने के प्रस्ताव रखते हैं, चीन का मुकाबला करने के लिए हमें अमेरिका की मदद चाहिए और अब ऐसी बातें कर रहे हैं.

अपनी बात के पक्ष में दलील देते हुए स्वामी ने कहा, 'जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जो इस पर हमारे खिलाफ वोट देगा वह हमारा दुश्मन है, हमने उस समय जाकर अमेरिका के खिलाफ वोट दिया है. यह बुद्धि से काम नहीं हुआ है.'

जब सुब्रमण्यम स्वामी से यह पूछा गया कि आखिरकार यह फैसला किसने लिया और क्यों लिया तो उन्होंने कहा उन्हें नहीं मालूम सरकार को बताना चाहिए. स्वामी ने सुषमा की ओर संकेत करते हुए कहा कि विदेशमंत्री ने तुरंत फॉरेन सेक्रेटरी से बोलने को कहा, खुद नहीं बोलीं. इसके मायने यह है कि हो सकता है ब्यूरोक्रेट्स ने मिलकर तय किया हो.

Advertisement

जब उनसे पूछा गया कि यह सरकार ब्यूरोक्रेट चला रहे हैं या मोदी जी चला रहे हैं? तो स्वामी ने कहा कि मोदी जी अकेले बिचारे क्या कर सकते हैं? इस सवाल पर लोगों को विरोध करना चाहिए... जब तक विरोध नहीं होगा तब तक ऐसे ही चलेगा.

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि भारत ने जिस तरह से संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका का विरोध करते हुए फिलिस्तीन का समर्थन किया है उससे नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका हमारे बारे में जो भी सोच रहा था कि एक ताकत के तौर पर भारत को स्थापित किया जाए उसको अब वह बंद कर देगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement