
झारखंड में हाल ही में विधानसभा चुनाव पूरे हुए हैं. इसके साथ ही झारखंड की सत्ता से रघुवर दास की विदाई हो चुकी है. वहीं अब रघुवर दास पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया है. हालांकि हेमंत सोरेन अब अपनी शिकायत वापस लेंगे.
झारखंड के होने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 19 दिसंबर को रघुवर दास के खिलाफ थाना दुमका में शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि रघुवर दास ने एक चुनावी सभा में उनके (हेमंत) खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था.
हेमंत सोरेन की शिकायत को जामताड़ा के मिहिजाम थाने के पास भेजी गई थी. शिकायत के आधार पर मिहिजाम पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. अब इस मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. दरअसल, झारखंड चुनाव के दौरान रघुवर दास ने सोरेन की जाति को लेकर गलत भाषा का इस्तेमाल किया था.
हेमंत सोरेन ने क्या आरोप लगाए?
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ मिहिजाम थाना में एफआईआर दर्ज की गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का कहना है कि 18 दिसंबर को रघुवर दास ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उनके नाम और जाति सूचक उपनाम लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया. हेमंत का कहना था कि अपशब्दों से वे आहत हुए हैं और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है. इस मामले में हेमंत ने 19 दिसंबर को शिकायत दर्ज कराई थी.
एफआईआर दर्ज
वहीं इस मामले में मिहिजाम थाना में 25 दिसंबर को धारा 504, 506, एससी एसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई. जामताड़ा के एसपी अंशुमन कुमार ने कहा कि जांच के बाद मिहिजाम थाना में एफआईआर दर्ज की गई है.
शिकायत हुई थी दर्ज
दरअसल, 18 दिसंबर की दोपहर लगभग 3 बजे तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पांचवें चरण के आखिरी चुनाव प्रचार में चुनावी सभा को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने हेमंत सोरेन के खिलाफ टिप्पणी की थी. जिसके बाद 19 दिसंबर को ही हेमंत सोरेन ने रघुवर दास के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कर दी थी.
बीजेपी को जनता ने किया सत्ता से बेदखल
बता दें कि झारखंड चुनाव में इस बार कांग्रेस-झारखंड मुक्ति मोर्चा-आरजेडी गठबंधन पर लोगों ने भरोसा जताया है. वहीं झारखंड में बीजेपी को जनता ने सत्ता से बेदखल कर दिया है. झारखंड चुनाव में कांग्रेस-झारखंड मुक्ति मोर्चा-आरजेडी गठबंधन को 81 में से 47 सीटें मिली है तो वहीं बीजेपी को इस चुनाव में 25 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है.