
झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा और उसके बाद टिकट बंटवारे को लेकर उपजे असंतोष के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब 'डैमेज कंट्रोल' में जुट गई है. भाजपा अब दिग्गजों के भरोसे झारखंड विधानसभा चुनाव फतह करने की कोशिश में है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा को चुनावी मझधार पार कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब यहां छह से आठ चुनावी सभाओं को संबोधित कर सकते हैं.
असल में, जिस ताकतवर गठबंधन के दम पर लोकसभा चुनाव में एनडीए ने एकतरफा जीत हासिल की थी वो बुरी तरह से बिखर चुकी है. सबसे पहले लोजपा ने अपना पल्ला झाड़ लिया और उसके बाद आजसू ने भी अलग राह पकड़ ली. झारखंड में भाजपा के असंतुष्ट और बागी उम्मीदवार भी बड़ा सिरदर्द बन रहे हैं. खुद रघुबर दास को ही सरयू राय से सीधी टक्कर मिल रही है. जमशेदपुर पूर्व में लड़ाई तिकोनी बन चुकी है. भाजपा के कद्दावर नेता सरयू राय ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो कांग्रेस ने अपने तेजतर्रार प्रवक्ता गौरव वल्लभ को टिकट दे दिया.
सरयू राय का साथ देने के लिए समूचा विपक्ष एक जुट होकर मोर्चाबंदी में जुटा है. विचार इस बात पर भी चल रहा है कि उन्हें समूचे विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार बना दिया जाए. सवाल ये है कि अभी दो विधानसभा चुनाव में आशातीत सफलता हासिल ना कर पाने वाली भाजपा के लिए झारखंड में रणनीति क्या है?
भाजपा के टिकट बंटवारे से नाराज कई 'अपने' बगावत कर दूसरे दलों में चले गए और वे वहां से टिकट लेकर चुनावी मैदान में भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ खम ठोंक रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि सरयू राय सरीखे नेता के पार्टी छोड़ने और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) का साथ छूट जाने का प्रभाव इस चुनाव में न पड़े, इसके लिए भाजपा ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है.
पार्टी अब अपने स्टार प्रचारकों को अधिक से अधिक क्षेत्रों में पहुंचाने की कोशिश में जुटी है.
भाजपा के झारखंड प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने आईएएनएस को बताया, "पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 21 नवम्बर को लातेहार के मनिका और लोहरदगा में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. जबकि उसके अगले दिन यानी 22 नवंबर को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा चुनावी मोर्चा संभालने झारखंड पहुंचेंगे. नड्डा लातेहार में जनसभा को संबोधित करेंगे तथा उसके बाद पलामू में विधानसभा कोर समिति की बैठक लेंगे, जहां पार्टी के नेताओं को चुनावी टिप्स देंगे."
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 22 नवंबर को ही पलामू जिले के विश्रामपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद वह उसी दिन राजधानी रांची में पत्रकारों से बात करेंगे.
भाजपा के एक नेता के अनुसार, प्रदेश भाजपा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी अधिक से अधिक समय प्रचार के लिए चाहती है. पहले भाजपा की रणनीति प्रधानमंत्री की यहां चार-पांच चुनावी सभाएं आयोजित करने की थी, लेकिन अब इन चुनावी सभाओं की संख्या बढ़ा कर आठ-नौ की जा सकती हैं. सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री 25 नवंबर को पलामू और गुमला में सभाएं कर सकते हैं.
भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी राष्ट्रीय मुद्दों को तो चुनाव में उठाएगी ही, परंतु स्थानीय मुद्दों को ज्यादा तरजीह दी जाएगी. भाजपा ने चुनावी गतिविधियों पर नजर रखने लिए रांची में वार रूम बनाया है, जहां से चुनावी गतिविधियों को समझा जा सकता है.
सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस चुनाव में आदिवासी बहुल सीटों पर ज्यादा ध्यान दे रही है. यही कारण है कि संथाल परगना क्षेत्रों पर भाजपा के नेता पूरा जोर लगाए हुए हैं.
भाजपा इस चुनाव में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी चुनावी सभाओं के लिए उतारेगी. इसके अलावा बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के सांसदों को भी झारखंड में प्रचार में उतारने की योजना है. बिहार के कई नेता और कार्यकर्ता पहले से ही झारखंड के चुनावी अभियान में उतरे हुए हैं.
गौरतलब है कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के चुनाव के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होने हैं. नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे.
(आइएएनएस इनपुट्स के साथ)
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