
कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव के नतीजों से गदगद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को झारखंड से 'बैकडोर से सरकार बनाने वाले दलों' पर प्रहार किया. पीएम मोदी ने नाम लिए बगैर महाराष्ट्र की शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की सरकार पर इशारों-इशारों में निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता ने पिछले दरवाजे से सरकार बनाने वाले दलों को अच्छे से सबक सिखाया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने सुनिश्चित कर दिया है कि कांग्रेस या जेडीएस वहां के लोगों के साथ विश्वासघात नहीं कर पाएंगे. पीएम ने कहा कि ये देश के तमाम राज्यों के लिए संदेश है कि कोई जनादेश के खिलाफ जाएगा, जनता को धोखा देगा, तो पहला मौका मिलते ही जनता उसे पूरी सजा देगी. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने कांग्रेस और उसके साथियों की सरकार के दौरान भ्रष्टाचार और विकास के साथ लापरवाही देखी थी. इसलिए उन्होंने भाजपा को वोट दिया है.
जोड़तोड़ की राजनीति करने वालों को सबक
पीएम ने स्थिरता और विकास के लिए बीजेपी पर एक बार फिर विश्वास जताने के लिए कर्नाटक की जनता का आभार व्यक्त किया. मोदी ने कहा कि जनता ने चुनाव में भाजपा को सरकार बनाने के लिए मैंडेट दिया था, लेकिन कांग्रेस ने पर्दे के पीछे से खेल करके बीजेपी को सरकार बनाने नहीं दिया था. आज जनता ने उन्हें सजा दी है, ज्यादातर सीटों पर बीजेपी जीत हासिल कर रही है. जोड़तोड़ की राजनीति करने वालों को कर्नाटक की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से ध्वस्त कर दिया है.
70 साल में जिन सीटों पर नहीं जीते वहां भी कमल खिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कर्नाटक के उपचुनाव के नतीजों से यह तय होने वाला था कि बीजेपी की सरकार जाएगी या रहेगी. जनता ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बहुमत दिया था. लेकिन कांग्रेस वाले पिछले दरवाजे से चढ़ बैठे थे. जनता ने उन्हें जमकर सजा दी है. उन्होंने कहा कि जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, इनमें से कई सीटें ऐसी रही हैं जहां 70 साल में बीजेपी कभी जीती ही नहीं थी. जनता को गद्दारी करने वालों के खिलाफ इतना गुस्सा आया कि जहां हम जीतते नहीं थे, वहां पर भी हमें जिता दिया. एक दो सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी के सामान्य कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस और जेडीएस को बड़े बड़े दिग्गज को धूल चटा दिया. पीएम के इस बयान को महाराष्ट्र के संदर्भ में देखा रहा है.
महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना-NCP सरकार
बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था और दोनों के स्पष्ट बहुमत मिला था. लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर शिवसेना अड़ गई थी. इसके चलते शिवसेना ने बीजेपी से नाता तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाकर सरकार बना लिया. ऐसे में पीएम मोदी के कर्नाटक नतीजे पर आए बयान को महाराष्ट्र के लिए राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है.