
झारखंड के गढ़वा में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से आठ युवाओं की जान चली गई. अचानक कई घरों के चिराग बुझ जाने से पूरे इलाके में शोक की लहर है.
मझियांव थाना क्षेत्र के पासी टोला के आठ युवक घर के बाहर खेल रहे थे. उसी समय भारी गर्जना के साथ वज्रपात हुआ और आठों इसकी चपेट में आ गए. आठ में से छह की मौके पर ही मौत हो गई. अन्य दो को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. सदर अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई.
गढ़वा के एसडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि बारिश हो रही थी. उसी समय बच्चों ने महुआ के पेड़ के नीचे छुपकर बारिश से बचने की कोशिश की. उसी समय वहां पर आकाशीय बिजली गिरी जो कि इन सभी की मौत का कारण बनी.
राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कई परिवारों ने अपने परिजनों को खो दिया, इससे हमें बेहद दुख पहुंचा है. मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिवार को 4-4 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है.
इसी बीच रांची विश्वविद्यालय के वरिष्ठ भूविज्ञानी डॉ नीतीश प्रियदर्शी ने ग्रामीण इलाकों में बार-बार ऐसी प्राकृतिक आपदाओं में लोगों के जान गंवाने को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा, 'लोगों में जागरूकता की बेहद कमी है. यह प्राकृतिक आपदाओं के कारण हो रही मौतों का सबसे बड़ा कारण है. लोगों को यह नहीं पता है कि बारिश की हालत में घर से बाहर खेतों और खुले स्थानों पर निकलना सुरक्षित नहीं है. इस दौरान तेज गर्जना के साथ अक्सर बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं. लोगों को व्यापक स्तर पर जागरूक करने की जरूरत है कि बादल गरजने और बिजली चमकने की स्थिति में क्या किया जाना चाहिए और क्या नहीं. यह ऐसा समय है जब झारखंड सरकार के आपदा प्रबंधन को ऐसी दुर्घनाएं रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने चाहिए.'
(गढ़वा से चंदन के इनपुट के साथ)