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81 विधानसभा सीटों वाले झारखंड में जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा), कांग्रेस और राजद (राष्ट्रीय जनता दल) को 47 सीटों पर जीत मिली है. इस तरह भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र के बाद झारखंड में भी सत्ता से दूर हो गई है. झारखंड में बीजेपी को केवल 25 सीटें मिली हैं. इतना ही नहीं राज्य के मुखिया रघुवर दास अपनी सीट बचाने में भी नाकाम रहे. यानी झारखंड में बीजेपी का '65 पार' का नारा फेल हो गया.
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मुख्यमंत्री रघुवर दास जहां अपने निर्वाचन क्षेत्र जमशेदपुर (पूर्वी) से अपने ही मंत्रिमंडल के सदस्य रहे सरयू राय से 15,833 वोटों के अंतर से हार गए हैं, वहीं इस चुनाव में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा और विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को भी हार का सामना करना पड़ा.
विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने सिसई विधानसभा से 30 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गए. सिसई विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर दिनेश उरांव का मुकाबला झामुमो के प्रत्याशी जिग्गा होरो से था. उरांव को 45,592 वोट मिले और उनके प्रतिद्वंद्वी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) उम्मीदवार जीगा सुसरन होरो को 75446 वोट मिले.
झारखंड चुनाव 2019 में बीजेपी 25 सीटों पर सिमट गई है, जो कि 2014 से 12 सीटें कम हैं. खास बात ये भी है कि बीजेपी इस बार अकेले चुनाव लड़ी थी, हालांकि ताजा हालात ऐसे हैं कि अगर सभी सहयोगी दल मिल भी जाएं तो सरकार नहीं बना सकते.
जेएमएम – 30
कांग्रेस – 16
राजद – 01
बीजेपी – 25
आसजू – 02
जेवीएम- 03
अन्य – 04
हेमंत सोरेन होंगे मुख्यमंत्री
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को सोमवार शाम राजभवन में अपना इस्तीफा सौंपा. दास जमशेदपुर पूर्वी सीट पर 1995 से जीतते आ रहे थे लेकिन इस बार निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय से 15,833 वोटों के अंतर से हार गए.
वहीं 'गुरुजी' शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन दूसरी बार सीएम बनने को तैयार हैं. चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी हेमंत सोरेन के साथ साझा रैलियों को संबोधित किया था.
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फेल हो गया बीजेपी का 65 पार का नारा
हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह भारतीय जनता पार्टी यहां पर अकेले दम पर बहुमत पाने में नाकाम रही. झारखंड में तो बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ है और सरकार हाथ से चली गई. बीजेपी की ओर से चुनाव प्रचार में अबकी बार 65 पार का नारा दिया गया था जो पूरी तरह से फेल हो गया है.
बीजेपी ने पीएम मोदी, अमित शाह समेत कई दिग्गजों को मैदान में उतार जीत पाने की कोशिश की लेकिन पूरी तरह फेल साबित हुई.
2014 में क्या रहा था नतीजा?
बता दें कि पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन तब सरकार बनाने के करीब थी और उसके साथ सहयोगी भी थे. 2014 में बीजेपी 37 सीटों पर जीती थी, चुनाव के बाद JVM के 6 विधायक उसके साथ आ गए थे.
बीजेपी – 37
आजसू – 5
जेएमएम – 19
कांग्रेस – 6
जेवीएम – 8 (बाद में 6 विधायक बीजेपी में शामिल हुए)
अन्य – 6
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