Advertisement

झारखंड: अस्थायी टीचर्स की हड़ताल जारी, सरकार ने दिए बर्खास्तगी के आदेश

झारखंड में प्राथमिक शिक्षा पारा शिक्षकों और सरकार की लड़ाई के बीच फंस कर रह गई है. इसकी वजह से राज्य भर के लाखों बच्चो का भविष्य फिलहाल अधर में लटक गया है.

सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठप्प(फोटो-आजतक) सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठप्प(फोटो-आजतक)
धरमबीर सिन्हा
  • रांची,
  • 10 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:08 PM IST

झारखंड में पारा (अस्थायी) शिक्षकों की हड़ताल की वजह से प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है. परीक्षाओं से पहले सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठप्प है और स्कूलों में ताले लटक गए हैं. 

राज्य के कुल 34900 स्कूलों में से करीब 22 हजार में पढ़ाई नहीं हो रही है. अकेले रांची में 250 से ज्यादा स्कूलों में ताले लटक गए हैं. दूसरी तरफ सरकार की अपील को नजरअंदाज करते हुए पारा शिक्षकों की हड़ताल जारी है. ऐसे में सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए हड़ताली पाराशिक्षकों की बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए हैं. 

Advertisement

राज्य में पारा शिक्षकों की हड़ताल की वजह से 11485 सरकारी स्कूल पिछले 20 दिन से बंद हैं. यही नहीं, 9532 स्कूल खुल तो रहे हैं, लेकिन सिर्फ बच्चों को मिड-डे मील परोसने के लिए.

रांची के हेथू इलाके के प्रायमरी स्कूल के कमरों में ताले लटके हैं. यहां बच्चे सिर्फ मध्याह्न भोजन के लिए आते हैं. स्कुल के ताले भी बस उतनी ही देर के लिए खुलते हैं, जब तक भोजन चलता है. फिर ये ताले वापस लगा दिए जाते हैं. यही हाल राजकीय उत्क्रमित विद्यालय,पारस टोली का भी है. 

दरअसल शिक्षकों की बहाली नहीं होने के कारण ज्यादातर प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई की जिम्मेदारी पारा शिक्षकों के कंधों पर है. पारा शिक्षकों की हड़ताल की वजह से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई बिलकुल बंद है.

शहरों में तो स्कूल चल रहे है, लेकिन पारा शिक्षकों की हड़ताल का ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों में चल रहे सरकारी विद्यालयों पर पड़ा है. 

Advertisement

पारा शिक्षकों की मांग है कि जब उनसे शिक्षकों की तरह काम लिया जाता है तो वेतन भी उन्हीं के बराबर मिलना चाहिए. साथ ही वे नौकरी को स्थायी करने की मांग भी कर रहे हैं.

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने हड़ताली पारा शिक्षकों की बर्खास्तगी के आदेश जारी करते हुए कहा है कि खाली पदों को तुरंत टेट परीक्षा पास कर चुके स्थानीय युवक-युवतियों से भरा जाए. 

सर्व शिक्षा अभियान के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर उमा शंकर सिंह का भी मानना है कि जो स्कुल पारा शिक्षकों के भरोसे चल रहे थे, वहां पढ़ाई में दिक्कतें आ रही हैं.

उमा शंकर सिंह ने बताया कि सरकार उन पदों पर बीएड और टेट पास कर चुके लोगों की नियुक्त‍ि करने पर विचार कर रही है. साथ ही रिटायर्ड शिक्षकों की सेवाएं लेने पर भी विचार हो रहा है. 

परीक्षा नहीं होने की स्थ‍िति में ज्यादातर बच्चों को अगले सेशन में दाखिला मिलने पर भी प्रश्न खड़ा हो गया है. ऐसे में सरकार को जल्द वैकल्पिक कदम उठाकर राज्य की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement