
झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) ने झारखंड की सोरेन सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. पार्टी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस उनके दो विधायकों को अपने पाले में लेने की कोशिश कर रही है.
दरअसल, झारखंड की सियासत में ऐसी चर्चा हो रही थी कि झारखंड विकास मोर्चा के विधायक बंधु टिर्की और प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. गुरुवार को विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी.
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वहीं जेवीएम ने सरकार से समर्थन तब वापस लिया है, जब इस बात की चर्चा हो रही है कि उसका बीजेपी में विलय हो सकता है. जेवीएम के दोनों विधायक इसका विरोध कर रहे हैं. बाबूलाल मरांडी और दोनों विधायक के बीच मनमुटाव चल रहा था, जिसकी वजह से मरांडी ने बंधु तिर्की को तो पार्टी से भी निकाल दिया है.
मंत्रिमंडल का विस्तार टला
वहीं दूसरी तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार टालने का फैसला किया है. पश्चिमी सिंहभूम में सात ग्रामीणों की हत्या के बाद सोरेन ने ये फैसला किया है. हालांकि मंत्रिमंडल का विस्तार टालने के पीछे की वजह जेवीएम विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों को भी माना जा रहा है.
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मंत्रिमंडल विस्तार टाले जाने पर विपक्ष ने भी कटाक्ष किया है. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि केवल कहने से या मंत्रिमंडल विस्तार के कार्यक्रम को टालकर मन व्यथित नहीं होता. मुख्यमंत्री का मन व्यथित दिखावा है. अगर उनका मन इतना ही व्यथित है तो वह इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं. कांग्रेस के दबाव में मंत्रिमंडल विस्तार टाला गया है.
(आईएएनएस से इनपुट)