
कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में मुख्य याचिकाकर्ता सरयू राय ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत सात अन्य को दोषी करार देने पर कहा है कि कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. वर्तमान में सरयू राय झारखंड सरकार में खाद्य और आपूर्ति मंत्री के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्री भी हैं. उन्होंने कहा कि कोल ब्लॉक्स का आबंटन MMRD एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन था.
सरयू राय कहा कि मैंने जो आरोप लगाए थे, उसे आज कोर्ट ने सही साबित कर दिया. उन्होंने आगाह किया कि खनन क्षेत्र में जो गतिविधियां चल रही हैं, उसे भारत सरकार के नियमों के अनुसार करना होगा. राय ने कहा कि राजहरा कोल ब्लॉक का आवंटन MMRD एक्ट को दरकिनार कर किसी खास व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया. इसमें पारदर्शिता नहीं बरती गई.
सरल व्यक्ति है कोड़ा, नियमों की समझ नहीं थी
मधु कोड़ा पर टिप्पणी करते हुए राय ने कहा कि वे सीधे-साधे व्यक्ति हैं. लेकिन उनके चारो ओर जो मंडली थी, वो उनसे काम करवाती थी. क्योंकि वह निर्दलीय नेता के तौर पर मुख्यमंत्री बने थे और राज्य सरकार के अधिकारी शायद उन्हें पूरी जानकारी नहीं देते होंगे. कोड़ा की टीम उनके अधीन काम नहीं करती थी. उनके मुताबिक 4000 करोड़ की राशि अकेले कोड़ा के पास नहीं गई थी. सरयू राय ने कहा कि आज भी सिस्टम को बाईपास कर काम हो रहा है, जो सही नहीं है. अगर नियम से कोई दिक्कत है, तो उसे कानूनी तरीके से बदलिए. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि अब लोग सावधान हो जाएं और कानून के मुताबिक ही कार्य करें.
मेरा बेटा निर्दोष है: रसिका कोड़ा
इस बीच मधु कोड़ा को दोषी करार देने के कोर्ट के ऑर्डर पर कोड़ा के पिता रसिका कोड़ा ने कहा है कि मेरा बेटा निर्दोष है. उसे केंद्र सरकार ने सीबीआई के साथ मिलकर फंसाया है. सीबीआई के जांच पर ही सवाल उठाते हुए, रसिका कोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार ने सीबीआई के साथ सांठ-गांठ कर सच्चाई को प्रभावित किया. उन्होंने इस मामले में कहा कि मधु कोड़ा के साथ गहरी साजिश की गई है. उनका बेटा बेगुनाह है.