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''मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जंग जारी रखूंगा''

जमशेदपुर पूर्व सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव जीत, विधायक सरयू राय ने कहा हेमंत सोरेन सरकार के काम पर कड़ी नजर रखूंगा. मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखूंगा

सोमनाथ सेन सोमनाथ सेन
aajtak.in
  • झारखंड,
  • 14 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST

अमिताभ श्रीवास्तव

झारखंड के विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्व सीट से पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास को करीब 15,000 मतों से हराकर राज्य विधानसभा चुनाव में सुर्खियां बटोरीं. रघुबर दास की सरकार में राय मंत्री थे लेकिन राज्य में कथित भ्रष्टाचार और सरकार के फैसलों को लेकर वे मुख्यमंत्री पर सवाल खड़े करते रहे थे. भाजपा के टिकट देने से इनकार करने पर उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और जीते. उनसे बातचीत के अंश:

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प्र: इस चुनाव में आपने घातक निशाना लगाया और रघुबार दास एवं तीन अन्य मुख्यमंत्रियों को बड़ा सदमा पहुंचाया है.

मैंने जो कुछ भी किया वह एक मकसद के लिए. जिन नेताओं की मैंने पोलपट्टी खोली है उनसे मेरी कोई निजी दुश्मनी नहीं है. आपके हर कार्य के पीछे उचित मकसद होना चाहिए और यही आपके लिए प्रेरणास्रोत होना चाहिए.

आपने दास के कार्यकाल के कथित घोटालों से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया था?

कैबिनेट की बैठकों में असहमति जताने के अलावा मैंने भाजपा के भीतर भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाया. 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से बात की. उन्होंने मुझे अपनी चिंताएं पार्टी के समक्ष रखने की सलाह दी. मैं अमित शाह से मिला जिन्होंने चीजों को बेहतर बनाने का वादा किया था. हालात में अस्थायी सुधार आया. 16 विभागों को अपने नियंत्रण में रखते हुए दास ने बहुत केंद्रीयकृत तरीके से काम किया. भाजपा नेतृत्व ने उन पर जरूरत से ज्यादा भरोसा किया.

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दास आपसे चुनाव क्यों हार गए?

दास से न सिर्फ लोगों का मोहभंग हुआ था, उनके अहंकार के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं का भी मनोबल गिर गया था. मतदाताओं ने मुझ पर भरोसा जताया.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बारे में आपके क्या विचार हैं?

हेमंत सोरेन को मैं बचपन से जानता हूं क्योंकि उनके पिता शिबू सोरेन से मेरे निजी मधुर संबंध रहे हैं. हमारे संबंध तब से बहुत आत्मीय रहे हैं जब 2000 में नीतीश कुमार थोड़ी अवधि के लिए बिहार के मुख्यमंत्री बने थे और शिबू सोरेन ने उन्हें समर्थन देने की सहमति दी थी. हेमंत एक युवा राजनेता हैं. दयालु स्वभाव के हैं और झारखंड में चीजों को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता रखते हैं.

एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आपका क्या एजेंडा है?

मैं किसी पार्टी या सरकार में शामिल नहीं होऊंगा. और हेमंत सोरेन सरकार के काम पर कड़ी नजर रखूंगा. मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखूंगा.

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