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खुद को अंबेडकर का भक्त बताने वाले PM चुप्पी तोड़ें, पढ़ें जिग्नेश के 10 वार

दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर मेवाणी ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. पढ़ें जिग्नेश मेवाणी के 10 बड़े वार...

फाइल फोटो फाइल फोटो
मोहित ग्रोवर/आनंद पटेल
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:01 PM IST

भीमा-कोरेगांव जीत की सालगिरह के बाद महाराष्ट्र में भड़की हिंसा अब शांत हो गई है. लेकिन मामला राजनीतिक तूल लेता जा रहा है. शुक्रवार को गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने उनपर दर्ज किए गए भड़काऊ भाषण देने के केस पर सफाई दी. दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर मेवाणी ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. पढ़ें जिग्नेश मेवाणी के 10 बड़े वार...

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1. क्या दलितों को शांतिपूर्ण रैली का हक नहीं है. दलितों पर लगातार हो रही हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जुबान खोलें. केंद्र सरकार दलितों पर अपना रुख स्पष्ट करें.

2. मेवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महाराष्ट्र हिंसा पर बयान देने की मांग की. उन्होंने कहा कि देश में दलित सुरक्षित नहीं हैं. प्रधानमंत्री की दलितों के प्रति कोई प्रतिबद्धता है या नहीं. खुद को अंबेडकर का भक्त बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुप्पी तोड़ें.

3. दलित नेता ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वेमुला, ऊना, सहारनपुर और अब भीमा-कोरेगांव में दलितों को निशाना बनाया गया है. समय आ गया है कि केंद्र अपनी स्थिति साफ करें. भीमा कोरेगांव में दलित शांतिपूर्ण रैली निकाल रहे थे, जब उन पर हमला किया गया.

4. मेवाणी ने कहा कि जिस जगह पर हिंसा हुई, उस जगह मैं मौजूद ही नहीं था. ना ही महाराष्ट्र बंद में मैं शामिल हुआ, फिर किस बात के कारण मेरे ऊपर केस किया गया.

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5. हम लोग 9 जनवरी को नई दिल्ली में युवा हुंकार रैली करेंगे. उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर की ओर बढ़ेंगे. उन्होंने बताया कि जब हम पीएमओ की तरफ जाएंगे, उस दौरान एक हाथ में मनुस्मृति और दूसरे हाथ में संविधान होगा.

6. मेरे ऊपर केस करने के साथ ही सरकार देश के लाखों दलितों पर भी केस कर रही है. मैं अपने समर्थकों से कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह की हिंसा ना फैलाएं.

7. हम पीएम मोदी को चेतावनी देना चाहते हैं कि अगर इस तरह दलितों को दबाया गया, तो हम 2019 में कड़ा संदेश सिखाएंगे.

8. संघ परिवार और बीजेपी के लोग मेरी छवि को खराब करना चाहते हैं. गुजरात चुनावों में बीजेपी के 150 सीटों का सपना टूट गया, इसलिए उन्हें 2019 में खतरा दिख रहा है. इसी कारण से मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज की गई है.

9. जिग्नेश ने कहा कि हम जातिविहीन समाज चाहते हैं. हम चांद पर पानी ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन जमीन पर जातिवाद अपनी जड़ें जमाए हुए है. मुझे टारगेट किया जा रहा है. मैं एक निर्वाचित प्रतिनिधि हूं. मेरे भाषण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. मेरे भाषणों में प्रगतिशीलता की बात है.

10. उन्होंने कहा कि अगर हमें फासीवाद को खत्म करना है तो जनता के आंदोलनों में सड़क पर उतरना होगा. मेरे खिलाफ जानबूझकर कार्रवाई की जा रही है. मेरे भाषण में एक शब्द भी अपमानजनक नहीं है.

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नहीं मिली छात्र भारती के कार्यक्रम को इजाजत

बता दें कि मुंबई पुलिस की ओर से मेवाणी को कार्यक्रम की इजाजत नहीं मिलने के बाद जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्रनेता उमर खालिद के समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की. ये दोनों नेता बतौर वक्ता छात्र भारती के कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे. इसके बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया.

मेवाणी-उमर खालिद के खिलाफ केस दर्ज

इससे पहले भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्रनेता उमर खालिद पर केस दर्ज कर दिया. दोनों पर हिंसा भड़काने का आरोप है. दोनों पर सेक्शन 153(A), 505, 117 के तहत पुणे में एफआईआर दर्ज की गई है. इन दोनों पर पुणे में हुए कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है.

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