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दलित कार्यकर्ता की मौत मामले में अहमदाबाद में भड़की हिंसा, मेवाणी हिरासत में

इस मामले में जिग्नेश ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती हिरासत में लिया. आपको बता दें कि पाटन में जमीन विवाद में दलित सामाजिक कार्यकर्ता ने कलेक्टर ऑफिस पर खुद को आग लगा ली थी. बाद में गांधीनगर के अस्पताल में उनका निधन हो गया था. इसके बाद दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने अहमदाबाद बंद का ऐलान किया था. इसी मामले वह यह कार्यक्रम कर रहे थे.

जिग्नेश मेवाणी जिग्नेश मेवाणी
अंकुर कुमार/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद ,
  • 18 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

गुजरात में पुलिस ने विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया है. जिग्नेश ने आज पाटन में दलित सामाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर की मौत मामले में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था. इसके लिए उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और लोगों से सारंगपुर में स्थित बाबा अंबेडकर की प्रतिमा पर जमा होने को कहा था. हालांकि वे अपना कार्यक्रम कर पाते, इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. वहीं अहमदाबाद में प्रदर्शन हिंसक हो गया है. लोगों ने कारों को आग लगा दी. इस वजह से हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिसबल को सड़क पर उतरना पड़ा है.

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इस मामले में जिग्नेश ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती हिरासत में लिया. आपको बता दें कि पाटन में जमीन विवाद में दलित सामाजिक कार्यकर्ता ने कलेक्टर ऑफिस पर खुद को आग लगा ली थी. बाद में गांधीनगर के अस्पताल में उनका निधन हो गया था. इसके बाद दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने अहमदाबाद बंद का ऐलान किया था. इसी मामले वह यह कार्यक्रम कर रहे थे.

वहीं इस मामले में उत्तर गुजरात के उंझा में बंद का एलान किया गया था. हालांकि जब लोग हाइवे जाम करने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोका. विरोध करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. वहीं लोगों की तरफ से पथराव की भी खबर है.

वहीं इस मामले को लेकर हार्दिक पटेल ने भी मृतक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर के परिवार से मुलाकात की और कहा कि वे न्याय दिलाने में पूरा सहयोग करेंगे.

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दलितों को सरकार की ओर से आवंटित जमीन के कब्जे की मांग को लेकर दलित सामाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर ने गुरुवार को कलेक्टर ऑफिस में खुद को आग लिया था. वहीं शुक्रवार रात अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. इसके बाद से ही लोग न्याय के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.

दरअसल, जानकारी के मुताबिक, हेमा बेन वणकर खुद दलित खेत मजदूर हैं. वो पिछले कई सालों से खेत में मजदूरी का काम करती आ रही हैं, लेकिन महेसुल विभाग की दरखास्त के मुताबिक कलेकटर द्वारा दलित को जमीन मिलने की रिपोर्ट देने के बाद और 2013 में जमीन री-ग्रान्ट पर देने के ऑर्डर के बाद उन्होंने 22,236 रुपये भी जमा करवाए थे. जमीन विवाद को लेकर दलित परिवार पिछले कुछ वक्त से कलेक्टर ऑफिस का चक्कर लगा रहा था. परिवार के सदस्य कुछ दिन से धरने पर भी थे. बार-बार कलेक्टर के सामने ज्ञापन देने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई, इसके बाद इस मामले में गुरुवार की दोपहर दलित समाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर ने खुद पर केरोसीन डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था.

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