
गुजरात विधानसभा में सोमवार को जिग्नेश मेवानी द्वारा दलित सामाजिक कार्यकर्ता को लेकर सवाल उठाने पर हंगामा हो गया. दरअसल, जिग्नेश ने दलित सामाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वनकर द्वारा पाटन कलेक्टर ऑफिस में खुद पर केरोसीन डाल आत्महत्या करने के मामले सदन में उठाया.
इसके बाद अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी के जरिये जिग्नेश के माइक को बंद करवाया गया, जिस पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस ने इस मामले में जिग्नेश मेवानी का पूरा साथ दिया. हालांकि, हंगामा करने पर सदन को दोपहर तक स्थगित करना पड़ा.
मामले की जांच के लिए सरकार द्वारा एसआईटी गठित किए जाने का बाद जिग्नेश मेवानी ने दलित के लिये न्याय की मांग की. इस पर कांग्रेस के दलित विधायक शौलेश परमार ने भी अपना समर्थन दिया.
वहीं, इस पूरे मामले में हंगामे के बाद गृहमंत्री प्रदीप सिंह ने कहा कि गुजरात में कुछ आंदोलनकारी लोग शांति को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं. पाटन दलित सामाजिक कार्यकर्ता कि मौत मामले में सरकार ने दो कॉन्सटेबल्स को भी सस्पेंड किया है.
जिग्नेश मेवानी ने सोमवार को कहा कि 50 लाख दलितों को रुपानी सरकार पर भरोसा नहीं है. जिग्नेश मेवानी ने जेसे ही विधानसभा में सरकार के खिलाफ बोलना शुरू किया अध्यक्ष ने उनका माईक बंद करवा दिया.