Advertisement

पनामा पेपर्स लीक: 6 हफ्ते में आया फैसला, जानें पूरी टाइमलाइन

जानिए कैसे 20 अप्रैल को पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट द्वारा जेआईटी गठन के बाद नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच की गई

पनामा पेपर्स लीक जांच में नवाज शरीफ के खिलाफ यू चली जांच पनामा पेपर्स लीक जांच में नवाज शरीफ के खिलाफ यू चली जांच
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली/इस्लामाबाद,
  • 28 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स लीक केस में दोषी करार दिया जिसके बाद वह अब प्रधानमंत्री पद पर नहीं बैठ सकते. गौरतलब है कि पनामा पेपर्स लीक मामले में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल 2017 ज्वाइंट इंवेस्टीगेशन टीम (जेआईटी) का गठन किया था जिसने 7 हफ्ते लंबी जांच के बाद 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी. इन 7 हफ्तों के दौरान जेआईटी ने नवाज शरीफ समेत उनके परिवार के 8 सदस्यों से पूछताछ की थी.

Advertisement

जानिए कैसे 20 अप्रैल को पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट द्वारा जेआईटी गठन के बाद नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच की गई.

7 मई 2017: हुदैबिया पेपर मिल्स के मालिक तारिक शाफी और पत्रकार उमर चीमा को पूछताछ के लिए जेआईटी ने बुलाया.

19 मई 2017: कतर के प्रिंस हम्माद बिन जासिम अल-थानी को जेआईटी ने 25 मई को पेश होने के लिए समन भेजा. हालांकि वह खुद जेआईटी के सामने पेश नहीं हुए लेकिन उन्होंने अपना लिखित जवाब भेजते हुए कोर्ट से अपील की कि उसे उनका बयान माना जाए.

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान को 90 दिन का अल्टीमेटम, बंद करे जैश और लश्कर की फाइनेंसिंग

22 मई 2017: जेआईटी के गठन के बाद अपने 15 दिन की जांच प्रक्रिया पर जेआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को पहली रिपोर्ट दी. इस रिपोर्ट में जेआईटी ने खुद के ऊपर भी लगे सभी आरोपों को शामिल किया.

Advertisement

28 मई 2017: हुसैन नवाज पहली बार जेआईटी के सामने पेश हुए. कुल मिलाकर हुसैन नवाज 6 बार जेआईटी के सामने पेश हुए और इन दिनों में कुल 30 घंटे तक पूछताछ की गई.

2 जून 2017: हसन नवाज पहली बार जेआईटी के सामने पेश हुए. इसके बाद दूसरी बार हसन नवाज 8 जून के पेश हुए. जेआईटी ने हसन से कुल 12 घंटे तक पूछताछ की.

इसे भी पढ़ें: अगला दशक हमारा, चीन नहीं अब भारत के दम पर दौड़ेगी ग्लोबल इकोनॉमी

 

8-14 जून 2017: इस दौरान जेआईटी ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ और प्रधानमंत्री के दामाद कैप्टन सफ्दर को अगले हफ्ते पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया.

15 जून 2017: प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पहली बार जेआईटी के सामने पेश हुए. जेआईटी ने उनसे 3 घंटे तक पूछताछ की.

17 जून 2017: पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जेआईटी के सामने पंजाब के मुख्यमंत्री मुहम्मद शहबाज शरीफ पेश हुए और उनसे 3.5 घंटे लंबी पूछताछ की गई.

5 जुलाई 2017: प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज जेआईटी के सामने आई और उनसे 1 घंटे 45 मिनट तक पूछताछ की गई.

10 जुलाई 2017: जेआईटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के 3 मेंबर एक्सीक्यूशन बेंच को सौंपी. अपनी रिपोर्ट में जेआईटी ने कहा कि उसे नवाज शरीफ परिवार के फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार को साबित करने के लिए कई साक्ष्य मिले हैं.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement