
बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के संकेतों के बीच बिहार में चुनाव लड़ रहे दोनों मुख्य गठबंधनों में खींच-तान का सिलसिला जारी है. पहले तो मुलायम सिंह यादव ने जनता दल से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया और अब एनडीए के दो प्रमुख घटक जीतनराम मांझी और रामविलास पासवान आपस में भिड़ गए हैं.
भिड़ गए हैं मांझी औऱ पासवान
बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है ऐसा हम नहीं कह रहे दरअसल एनडीए के प्रमुख सहयोगी एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर तीखे शब्दों में हमला बोला है. मांझी ने दावा किया है वो ही महादलितों के असली नेता हैं जबकि, पासवान को केवल अपने परिवार की चिंता रहती है.
पासवान पर भड़के मांझी
मांझी ने यह भी कहा कि उन्हें चींटी समझने की गलती न करें क्योंकि चींटी भी हाथी को परास्त कर सकती है. चुनाव आयोग की बैठक के बीच एनडीए में सीटों के बंटवारे का दबाव बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन ने सीटों का बंटवारा भी कर लिया वहीं एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर हुई बैठक बेनतीजा रही.
नहीं सुलझ रहा सीटों का गणित
सूत्रों की मानें तो राम विलास पासवान की पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी ने जहां 40 सीटों पर दावा किया है वहीं उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी ने बीजेपी से 67 सीटें मांगी हैं. इनकी मांगों से जूझ रही बीजेपी पर जीतन राम मांझी की महत्वाकांक्षाओं का भी दबाव है.
पासवान ने नहीं दिया जवाब
हैरत की बात ये है कि अभी तक पासवान या उनकी पार्टी की तरफ से इस मसले पर कोई बयान नहीं आया है. ये अलग बात है कि ये पूरा मामला पासवान के ही बयान से शुरू हुआ था जब उन्होंने मांझी को एनडीए में नया-नया आया बताते हुए कहा कि उन्हें अभी साबित करना बाकी है कि वो अपनी जाति 'मांझी' का भी वोट ट्रांसफर करा पाते हैं कि नहीं.