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देश में है असहिष्णुता का माहौल, PM से करूंगा बात: मांझी

'हम' के प्रमुख ने कहा कि हिंदुस्तान के संविधान में सभी धर्मों के लोगों को देश में रहने का हक दिया गया है और लोग रह रहे हैं, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि किसी खास धर्म के लोगों के लिए सब कुछ सहिष्णु है.

जीतन राम मांझी की फाइल फोटो जीतन राम मांझी की फाइल फोटो
स्‍वपनल सोनल
  • पटना,
  • 15 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 10:58 PM IST

असहिष्णुता की ठंडी राख को हवा देते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने मंगलवार को कहा कि देश में असहिष्णुता का माहौल है. उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मामले को लेकर जल्द ही प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से बात करेंगे.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने पटना में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'आज देश में असहिष्णुता का माहौल है और जरूरी है कि इस पर केंद्र सरकार सफाई दे. जो लोग देश या राज्य छोड़ने की बात कह रहे वे भी गलत सोच रहे हैं. इस समस्या का समाधान होना चाहिए. मेरी जब भी प्रधानमंत्री और बीजेपी नेताओं से मुलाकात होगी, अपनी बात रखूंगा.'

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'हम' के प्रमुख ने कहा कि हिंदुस्तान के संविधान में सभी धर्मों के लोगों को देश में रहने का हक दिया गया है और लोग रह रहे हैं, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि किसी खास धर्म के लोगों के लिए सब कुछ सहिष्णु है. कहीं कम और कहीं ज्यादा, लेकिन देश में असहिष्णुता का वातावरण है.

'मांझी ने सच को स्वीकार किया'
मांझी एनडीए में शामिल होने के बाद बिहार विधानसभा में अपनी पार्टी के इकलौते विधायक हैं. मांझी के बयान पर जेडीयू के नेता और मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सच सामने आ ही जाता है. मांझी ने भी देर से ही सही, लेकिन सच को स्वीकार किया है.

कुछ दिनों पहले बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) सांसद महबूब अली कैसर ने भी असहिष्णुता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांग की थी. हालांकि पार्टी के नेता चिराग पासवान ने मीडिया पर कैसर के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया था.

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-इनपुट IANS से

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