
गुरुवार को संसद हमले के गुनहगार अफजल गुरु की बरसी है. पिछली बार इस मौके पर हुए विवाद में हाथ जला चुका जेएनयू प्रशासन इस बार ऐहतियात बरत रहा है.
JNU में कार्यक्रम को इजाजत नहीं
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने 9 फरवरी राष्ट्रीयता पर व्याख्यान करवाने की इजाजत मांगी थी, जिसे प्रशासन ने नामंजूर कर दिया है. यूनिवर्सिटी के आला अधिकारियों को आशंका है कि इससे परिसर में माहौल बिगड़ सकता है. एबीवीपी नेता सौरभ शर्मा ने इस सिलसिले में आवेदन जमा किया था. कुछ खबरों के मुताबिक एबीवीपी ने इजाजत ना मिलने के बावजूद व्याख्यान करवाने की बात कही है.
इस बार खामोश JNU के वामपंथी संगठन
जेएनयू के वामपंथी छात्र संगठन हर साल अफजल गुरु की बरसी के मौके पर कार्यक्रम आयोजित करते रहे हैं. खबरों के मुताबिक इस साल इन संगठनों ने ऐसी किसी योजना का खुलासा नहीं किया है. पिछले साल इसी तरह के एक कार्यक्रम में देश-विरोधी नारे लगने के आरोप लगे थे. इसके बाद जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत कुछ छात्रों को गिरफ्तार किया गया था. घटना के बाद देशभर में राष्ट्रवाद पर बहस छिड़ गई थी.
कश्मीर में सुरक्षा कड़ी
दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी संगठनों ने अफजल गुरु की बरसी पर दो दिनों के विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया है. इसके मद्देनजर प्रशासन ने हुर्रियत नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की है. राजधानी श्रीनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और संवेदनशील इलाकों में प्रदर्शनों पर रोक लगाई जा सकती है.