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JNU: उपस्थिति नियम का विरोध करने पर 7 डीन को पद से हटाया

जेएनयू के कुलपति ने नियम लागू करने के विरोध करने वाले या इससे इनकार करने वाले सात डीन/चेयरपर्सन और विभागाध्यक्षों को पद से हटा दिया है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
मोहित पारीक
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में उपस्थिति अनिवार्य नियम को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. विश्वविद्यालय के कुलपति ने नियम लागू करने के विरोध करने वाले या इससे इनकार करने वाले सात डीन/चेयरपर्सन और विभागाध्यक्षों को पद से हटा दिया है. वहीं इन लोगों के खिलाफ जांट समिति भी बैठाई गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जिन विभागाध्यक्षों को जेएनयू प्रशासन द्वारा हटाया गया है, उनमें सेंटर फॉर फएरेच और फ्रैंकोफोन स्टडीज, सेंटर फॉर लिंगुइस्टिक, सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज, सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग, सेंटर फॉर कॉम्पेरेटिव पॉलिटिक्स एंड पॉलिटिकल थॉट्स और सेंटर फॉर इंग्लिश स्टडीज शामिल है. वहीं स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स की डीन कविता सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.

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कुलपति की ओर से की गई इस कार्रवाई के बाद जवाहरलाल नेहरू शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कई केंद्र अध्यक्षों और डीन को हटाए जाने की निंदा की है. ये सभी अनिवार्य उपस्थिति तंत्र लागू किए जाने का विरोध कर रहे थे. विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कदम पर आश्चर्य जाहिर करते हुए शिक्षक संघ ने  आम सभा की आपात बैठक बुलाई है.

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संघ की अध्यक्ष सोनाझारिया मिंज ने कहा है कि जेएनयूटीए केंद्र के अध्यक्षों और यूनिवर्सिटी के स्कूलों के डीन को हटाए जाने के रात नौ बजे के बाद आए फैसले से हतप्रभ है और प्रशासन के इस कदम की कड़ी निंदा करता है. बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने जनवरी में सभी छात्रों के लिए न्यूनतम 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य कर दी थी.

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