
जेएनयू में जांच रिपोर्ट आने के बाद कन्हैया समेत उन 8 छात्रों का निलंबन वापस ले लिया गया है, जो 9 फरवरी को विवादित कार्यक्रम के आरोपी हैं. सभी छात्रों को तफ्तीश पूरी होने तक सस्पेंड किया गया था. हालांकि कमेटी की सिफारिशों पर यूनिवर्सिटी का फैसला अभी बाकी है.
गौरतलब है कि 9 फरवरी 2016 की शाम यूनिवर्सिटी कैंपस में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी की गई थी. मामले में कन्हैया के अलावा जिन छात्रों को निलंबित किया गया था उनके नाम उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आशुतोष, रमा नागा, अनंत कुमार, श्वेता राज और ऐश्वर्य अधिकारी हैं.'
कन्हैया को देशद्रोह के मामले में जहां अंतरिम जमानत मिल चुकी है, वहीं उमर और अनिर्बान अब भी न्यायिक हिरासत में हैं. यूनिवर्सिटी ने 10 फरवरी को एक जांच टीम का गठन किया था और 12 फरवरी को छात्रों को निलंबित किया गया था.
छात्रों को क्लीन चिट नहीं
विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ किया है कि निलंबन करने का मतलब यह नहीं है कि उसने छात्रों को ‘क्लीन चिट’ दे दी है. प्रशासन ने कहा कि कुलपति एम जगदीश कुमार की ओर से रिपोर्ट के परीक्षण के बाद ही इस बाबत अंतिम फैसला किया जाएगा. समिति की शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर यूनिवर्सिटी ने सभी आठ छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों में हिस्सा लेने से रोक दिया था, जबकि उन्हें जांच पूरी होने तक छात्रावास में अतिथि के तौर पर रहने की इजाजत दे दी थी.
जेएनयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'जेएनयू परिसर में नौ फरवरी की घटना की जांच के लिए कुलपति की ओर से गठित उच्च-स्तरीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जेएनयू प्रशासन रिपोर्ट पर विचार कर रहा है.
कन्हैया ने कुलपति से की मुलाकात
जांच टीम ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसके फौरन बाद आदेश जारी कर सभी छात्रों का निलंबन रद्द कर दिया गया. दिलचस्प बात यह भी है कि ये छात्र जांच के दौरान विरोधस्वरूप कमेटी के सामने पेश नहीं हुए थे. बताया जाता है कि रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार शाम जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की कुलपति से मुलाकात भी हुई है.