
जेएनयू के एडमिन ब्लॉक में हाल ही में छात्रों की ओर से की गई तोड़फोड़ और स्टाफ को बंधक बनाने के मामले में यूनिवर्सिटी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जेएनयू छात्र संघ के नेताओं को नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने कहा अगले 2 दिन तक छात्र एडमिन ब्लॉक के सामने प्रदर्शन नहीं कर सकते, क्योंकि यह कोर्ट के पिछले आदेशों की अवहेलना है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि अगर छात्रों के प्रदर्शन से हालात बेकाबू होते दिखें तो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की मदद ली जाए.
सुनवाई में जेएनयू की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि कोर्ट के आदेश है कि एडमिन ब्लॉक को और उसके आसपास 100 मीटर के दायरे में छात्र प्रदर्शन नहीं कर सकते. लेकिन उसके बावजूद ना सिर्फ छात्रों ने प्रदर्शित किया बल्कि एडमिन ब्लॉक में मौजूद कर्मचारियों को बंधक बनाकर रखा. लंबे समय तक बंधक बनाकर रखे गए लोगों में से कुछ की हालत इतनी खराब थी कि एंबुलेंस बुलानी पड़ी, लेकिन छात्रों ने एंबुलेंस तक को अंदर नहीं आने दिया.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि छात्रों को अगर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना है तो वह साबरमती लॉन में करें. छात्र यूजीसी की सिफारिशों के बाद 75 फ़ीसदी अटेंडेंस को अनिवार्य करने के आदेश का विरोध कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी ने कहा ऐसा यूजीसी के निर्देश पर किया गया है. कोर्ट इस मामले में मंगलवार को दोबारा सुनवाई करेगा लेकिन उससे पहले शुक्रवार को दिए अपने आदेश में हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि छात्र अपने प्रदर्शन के दौरान वीसी, रजिस्ट्रार या फिर जेएनयू परिसर में कहीं भी घेराव नहीं करेंगे.