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JNU: टीचर्स बोले, सबसे सीधे नहीं मिल सकते वीसी, प्रोटोकॉल मानना जरूरी

टीचर्स के एक धड़े का कहना है कि स्टूडेंट हर चीज को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. कुलपति से हर छात्र डायरेक्टली नहीं मिल सकता. उन्हें प्रोटोकॉल मानना होगा.

11 नवंबर को जेएनयू में हुए प्रदर्शन की तस्वीर 11 नवंबर को जेएनयू में हुए प्रदर्शन की तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीसवृद्धि का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को भी प्रशासन और छात्रसंघ आमने सामने नजर आया. एक तरफ जेएनयू छात्रसंघ रविवार को सांसदों के साथ फीसवृद्धि को लेकर चर्चा आयोजित कर रहा है. वहीं टीचर्स के एक धड़े का कहना है कि स्टूडेंट हर चीज को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. कुलपति से हर छात्र डायरेक्टली नहीं मिल सकता. उन्हें प्रोटोकॉल मानना होगा.

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प्रशासन का कहना है कि हमने हॉस्टल प्रेसीडेंट को बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन वो नहीं आए. लेकिन दूसरी तरफ वो मीडिया के जरिये पूरी दुनिया को दिखा रहे हैं कि वीसी उनसे मिल नहीं रहे हैं. ये सभी प्रदर्शन पूरी तरफ निरर्थक प्रक्रिया हैं.

प्रशासन ने स्वामी विवेकानंद की मूर्ति से छेड़छाड़ के मामले में कहा कि जो भी छात्र स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा से छेड़छाड़ मामले में आरोपी है, उनके साथ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हर चीज को रिकॉर्ड किया गया है. डीन ऑफ स्टूडेंट्स ने तारिक अनवर के बयान पर भी कहा कि राजनीतिक दल आते जाते रहते हैं, लेकिन जो स्वामी विवेकानंद का सम्मान नहीं करता, उनकी क्लास टू के बच्चे भी इज्जत नहीं करते. जेएनयू की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में प्रदर्शन के दौरान कथित अभद्रता व मारपीट का शिकार हुईं महिला प्रोफेसर भी अपनी राय रख रही हैं.

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