
जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी मामले में छात्रों की गिरफ्तारी के खिलाफ जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने मंगलवार से कैंपस में हड़ताल की अपील की है. इसके साथ ही टीचर्स भी कल से छात्रों की हड़ताल में शामिल हो जाएंगे. इसके पहले जेएनयू छात्र संघ ने सोमवार से ही कैंपस में हड़ताल शुरू कर दिया है. छात्र संघ ने कहा है कि अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई तक हड़ताल जारी रहेगी.
डूटा और जामिया के टीचर्स भी आए साथ
जेएनयू टीचर्स एसोसिएसन के अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया के टीचर्स एसोसिएशन ने भी छात्रों की रिहाई के लिए आवाज उठाई है. डूटा ने छात्रों की गिरफ्तारी का विरोध किया और जेएनयूटीए के साथ खड़ा हो गया. रविवार शाम जेएनयू में छात्र संघ के साथ टीचर्स ने मिलकर ह्यूमैन चेन बनाकर अपनी एकजूटता दिखाई थी. सोमवार को तीनों यूनिवर्सिटी के टीचर्स ने आमसभा के बाद यह फैसला किया.
वीसी ने पुलिस कार्रवाई को सही ठहराया
जेएनयू के वाइस चांसलर ने रविवार को छात्रों सहित यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों से शैक्षणिक कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने की अपील की. सोमवार को उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को सही बताया. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी का संचालन छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मुहैया कराने के लिए किया गया है और सबलोग मिलकर हमें बिना लागलपेट के इस मुख्य लक्ष्य को हासिल करने के लिए मदद करें. आंदोलनकारी छात्र और शिक्षक साथ न देने के लिए वीसी के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं.
जांच समिति के सामने पेश होंगे आरोपी छात्र
कैंपस में विवादित कार्यक्रम के सिलसिले में शैक्षणिक कामों में भाग लेने से रोके गए आठ में से सात छात्रों को मामले की जांच कर रही उच्च-स्तरीय समिति के सामने पेश होना होगा. जेएनयू के रजिस्ट्रार भुपिंदर जुत्शी ने सात छात्रों को नोटिस भेजकर जांच समिति के सामने पेश होने के लिए कहा है. कन्हैया सहित आठ छात्रों को जांच पूरी होने तक शैक्षणिक कार्यकलापों से सस्पेंड कर दिया गया है.
एक हफ्ते में पेश होगी जांच रिपोर्ट
रजिस्ट्रार ने कहा कि छात्रों को सिर्फ शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेने से रोका गया है. हॉस्टल में रहने की इजाजत दे दी गई है. उन्हें जांच समिति की बैठकों में हिस्सा लेना होगा. जेएनयू प्रशासन की ओर से गठित प्रॉक्टोरियल समिति की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला किया गया था. समिति की अंतिम रिपोर्ट एक हफ्ते में आने की संभावना है.