
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार रात को हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को 9 लोगों की तस्वीर जारी की है. इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष का भी नाम. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि जिनकी पहचान हुई है उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिया रंजन, विकास पटेल, डोलन, आइशी घोष हैं.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने कहा कि इस मामले में किसी भी संदिग्ध को हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन जल्द हम उनसे पूछताछ शुरू कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हिंसा को लेकर तीन केस दर्ज किए गए हैं और हम उनकी जांच कर रहे हैं.
वहीं, तस्वीर जारी होने के बाद छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि मुझे कानून-व्यवस्था पर पूरा भरोसा है कि जांच निष्पक्ष होगी. मुझे न्याय मिलेगा. लेकिन दिल्ली पुलिस पक्षपात क्यों कर रही है? मेरी शिकायत एफआईआर के रूप में दर्ज नहीं की गई है. मैंने कोई मारपीट नहीं की है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है. मेरे पास यह दिखाने के लिए सबूत भी हैं कि मुझ पर कैसे हमला किया गया.
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा
क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने कहा कि मामले की जांच को लेकर कई तरह की गलत जानकारी फैलाई जा रही है. एक जनवरी से लेकर 5 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन होना था. हालांकि SFI, AISA, AISF और DSF छात्र संगठनों ने छात्रों को रजिस्ट्रेशन करने से रोका. रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों को धमकाया जा रहा था. इसके बाद विवाद लगातार बढ़ता गया और पांच जनवरी को पेरियार व साबरमती हॉस्टल के कुछ कमरों में हमला किया गया.
जॉय टिर्की ने कहा कि जेएनयू में हिंसा करने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाए गए. नकाबपोश जानते थे कि उनको किस-किस कमरे में जाना है. हिंसा के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले हैं. हालांकि हमने वायरल वीडियो के जरिए आरोपियों की पहचान की है. इसको लेकर हमने 30-32 गवाहों से भी बातचीत की है.