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JNU पर धरने में फ्री कश्मीर का बैनर, मुंबई पुलिस ने गेटवे ऑफ इंडिया से प्रदर्शनकारियों को हटाया

मंगलवार सुबह करीब 7 बजे पुलिस ने सभी छात्रों को पहले समझाया कि इस जगह को खाली कर दें, क्योंकि प्रदर्शन से यहां लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जब छात्र नहीं माने तो सभी को गाड़ियों में बैठाकर आजाद मैदान शिफ्ट किया गया.

आजाद मैदान भेजे गए प्रदर्शनकारी (PTI) आजाद मैदान भेजे गए प्रदर्शनकारी (PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:58 AM IST

  • फ्री कश्मीर पोस्टर पर पुलिस की कार्रवाई
  • जेएनयू हिंसा के खिलाफ मुंबई में प्रदर्शन

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुई हिंसा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को मंगलवार सुबह मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से आजाद मैदान ले जाया गया है. सुबह करीब 7 बजे पुलिस ने सभी छात्रों को पहले समझाया कि इस जगह को खाली कर दें, क्योंकि प्रदर्शन से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जब छात्र नहीं माने तो सभी को गाड़ियों में बैठाकर आजाद मैदान शिफ्ट कर दिया गया. बता दें, सोमवार शाम गेटवे ऑफ इंडिया पर 'फ्री कश्मीर' के पोस्टर लहराए गए थे जिसके बाद वहां माहौल खराब होने की आशंका बढ़ गई थी. पुलिस ने इसे देखते हुए कार्रवाई की है.

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जेएनयू में रविवार को नकाबपोश बदमाशों ने छात्रों पर हमला कर दिया. इस घटना की निंदा करने के लिए सोमवार को विभिन्न संगठनों से जुड़े सैकड़ों छात्रों, एनजीओ और प्रमुख हस्तियों ने गेटवे ऑफ इंडिया पर विरोध प्रदर्शन किया. जेएनयू छात्रों और प्रोफेसरों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए छात्र भारतीय तिरंगा, बैनर और पोस्टर अपने साथ लिए हुए थे. इस दौरान उन्होंने नकाबपोश हमलावरों की हिंसा की कड़ी निंदा की.

इस बीच मुंबई में चल रहे प्रदर्शन में दिखे एक पोस्टर से सियासी बवाल मच गया. इस पोस्टर में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था 'FREE KASHMIR'. इस पोस्टर की न सिर्फ बीजेपी, बल्कि कांग्रेस के नेताओं ने भी आलोचना की. इस पोस्टर में अंग्रेजी के बड़े-बड़े अक्षरों में FREE KASHMIR लिखा था. जैसे ही ये पोस्टर मीडिया और सोशल मीडिया में आया, प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई.

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महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से जारी की गई इस तस्वीर पर ट्वीट करते हुए राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने लिखा, "आखिर ये विरोध किसके लिए है? फ्री कश्मीर के नारे यहां क्यों लग रहे हैं? हम मुंबई में ऐसे अलगाववादी ताकतों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं." 

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