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आजतक के रिपोर्टर पर नक्सली आतंकी कहकर हमला, कैमरा तोड़ा

दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हिंसा के बाद प्रदर्शनकारियों ने मीडिया पर भी हमला किया. इस हमले में आजतक के रिपोर्टर और कैमरामैन के साथ धक्का मुक्की को अंजाम दिया गया. इस दौरान दिल्ली पुलिस भी वहां मौजूद थी लेकिन मीडिया पर हमले के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

जेएनयू में तोड़फोड़ जेएनयू में तोड़फोड़
aajtak.in
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  • 05 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST

  • JNU में हिंसा के बाद प्रदर्शनकारियों ने मीडिया पर भी किया हमला
  • मीडिया पर हमले के दौरान दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही

जेएनयू में बवाल के दौरान हिंसा पर मीडिया के साथ बदसलूकी की गई है. आजतक संवाददाता अशुतोष मिश्रा के साथ बदसलूकी की गई है. आजतक के कैमरामैन संजय खान को भी निशाना बनाया गया है और मारपीट की गई है. इस दौरान दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही. मीडिया को कवर करने से रोका जा रहा है.

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दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हिंसा के बाद प्रदर्शनकारियों ने मीडिया पर भी हमला किया. इस हमले में आजतक के रिपोर्टर अशुतोष मिश्रा और कैमरामैन के साथ धक्का मुक्की को अंजाम दिया गया. इतना ही नहीं मीडिया को घटना की कवरेज से भी रोका जा रहा है. इस दौरान दिल्ली पुलिस भी वहां मौजूद थी लेकिन मीडिया पर हमले के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

आजतक रिपोर्टर अशुतोष मिश्रा ने बताया, 'जैसे ही घटना की रिकॉर्डिंग शुरू की, वहां जमा सैकड़ों लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. वहां मौजूद भीड़ ने पहले तो हमारे साथ बदतमीजी की, फिर कैमरामैन से उनका कैमरा छीनने लगे. सबसे पहले उन्होंने मेरा माइक छीना गया, फिर हमें वामपंथी गालियां दी गई. हमने बस यह पूछा था कि पुलिस व्यवस्था कहां है? कैंपस के अंदर और बाहर की तस्वीरें विचलित करने वाली है. इतना पूछते ही सैकड़ों की भीड़ ने हमपर हमला कर दिया. हमें मारापीटा गया है. कैमरे की लाइट तोड़ दी गई है. उन्होंने हमारा माइक छीन लिया, उसकी वायर तोड़ दी. किसी तरह से हमलोग यहां से जान बचाकर भागने में कामयाब हुए हैं. पहली नजर में यहां भीड़ में मौजूद लोग बाहरी तत्व नजर आ रहे हैं, इसमें कोई छात्र नहीं दिख रहा है.'

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जेएनयू परिसर में छात्रों के साथ मारपीट

बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में रविवार शाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेताओं और वामपंथी छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प में जेएनयूएसयू की अध्यक्ष ऐशे घोष सहित कई अन्य विद्यार्थी बुरी तरह से घायल हो गए. वीडियो में घोष के शरीर से खून निकलता देखा जा सकता है. छात्रों का आरोप है कि कुछ अज्ञात शख्स ने लोहे की रोड से उसकी आंख पर हमला किया.

महासचिव सतीश चंद्र भी इस दौरान घायल हो गए और कथित तौर पर कुछ शिक्षकों पर भी हमला किया गया. आईएएनएस के मुताबिक, मुनिरका इलाके से बाहरी लोगों की भीड़, लाठियों डंडों के साथ कैंपस में दाखिल हुई थी. बदमाश अब कथित तौर पर फरार हो गए.

इससे पहले एबीवीपी के छात्र नेताओं ने कथित तौर पर आरोप लगया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पेरियार छात्रावास के छात्रों के साथ वामपंथी छात्रों ने मारपीट कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया.

एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश ने आईएएनएस से कहा, "करीब चार से पांच सौ वाम सदस्य पेरियार छात्रावास में इकट्ठा हुए, यहां तोड़फोड़ कर जबरन घुसपैठ की और अंदर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पीटा."

एबीवीपी ने दावा किया कि उसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ को बुरी तरह से घायल किया गया है और शायद मारपीट के बाद उसका हाथ टूट गया है.

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दुर्गेश ने आगे कहा कि छात्रों पर पत्थर फेंके गए, जिसके चलते कुछ के सिरों पर चोटें आई हैं. उन्होंने कहा, "अंदर मौजूद छात्रों पर उन्होंने पत्थर और डंडे बरसाए."

हालांकि, वामपंथी छात्रों के नेतृत्व वाले जेएनयूएसयू ने इस दावे को तुरंत खारिज करते हुए कहा कि एबीवीपी और प्रशासन झूठी कहानी फैलाने में लगे हुए हैं.

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