
जेएनयू प्रशासन द्वारा रविवार को कैंपस में देश विरोधी नारेबाजी मामले में सजा का ऐलान किया गया. यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस कदम को छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने खारिज कर दिया है. कन्हैया ने कहा कि छात्रसंघ ने शुरू से ही जांच समिति को खारिज किया है. कमेटी में गड़बड़ी की बात पर कन्हैया ने कहा कि यह हाई लेवल कमेटी ही अलोकतांत्रिक तरीके से बनाई गई.
जुर्माना नहीं भरने का ऐलान
कन्हैया ने कहा कि वे न तो हाई लेवल कमेटी को मानते हैं, ना ही कमेटी को रिपोर्ट को मानेंगे और ना ही रिपोर्ट के आधार पर तय की गई सजा को मानेंगे. कन्हैया ने कहा, 'हमने संकल्प लिया था कि इस कमेटी को ही हम नहीं मानेंगे.'
जांच के दौरान जेल में थे खालिद और अनिर्बान
कन्हैया कुमार ने कहा कि जांच के दौरान उमर खालिद और अनिर्बान जेल में थे. इसलिए उन दोनों ने अपना पक्ष ही नहीं रखा और ऐसे में बिना उनकी बात सुने बिना एक्शन कैसे लिया जा सकता है. गौरतलब है कि जांच समिति की रिपोर्ट के बाद कन्हैया कुमार पर दस हजार का जुर्माना लगाया गया है. उमर खालिद और अनिर्बान को एक समेस्टर के लिए सस्पेंड कर दिया गया है.
प्रशासन के फैसले पर भूख हड़ताल
कन्हैया ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक नारेबाजी बाहरी लोगों ने की थी. इसलिए नारेबाजी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कैसे की जा सकती है. फैसले के विरोध में बुधवार से छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाएंगे और गंगा ढाबा से प्रशासनिक भवन तक मार्च निकाला जाएगा.
छुट्टी के दौरान भी जारी रहेगा आंदोलन
कन्हैया कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी किसी के इशारे पर नहीं चलेगी और छात्रों का आंदोलन छुट्टियों में भी जारी रहेगा. कोई भी फैसला करने से पहले प्रशासन को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए था. कन्हैया ने कहा कि अगर यूनिवर्सिटी खुद को स्वतंत्र मानती है, तो कैंपस के पुलिस में आने से पहले ही कार्रवाई होनी चाहिए थी.