
राजस्थान में प्रथम ग्रेड के टीचर की एग्जाम डेट को आगे बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में परीक्षार्थी आंदोलन कर रहे हैं. कई दिनों से सभी परीक्षार्थी राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट के सामने बैठे हैं. इनमें से कई परीक्षार्थियों की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है.
क्या है परीक्षार्थियों की मांग
परीक्षार्थियों का कहना है कि सरकार ने प्रथम ग्रेड टीचर के लिए 5000 सीटों पर भर्ती निकाली है जिसके लिए जनवरी में परीक्षा रखा है. मगर हमारा रिजल्ट अप्रैल-मई तक आ पाएगा जिसकी वजह से हम इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे. इसके अलावा हमें तैयारी करने के लिए भी पूरा वक्त नहीं मिल रहा है इसलिए परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाई जाए.
कई सालों बाद यह परीक्षा हो रही है और ऐसे में बड़ी संख्या में छात्र भाग नहीं ले पाएंगे तो नौकरी से वंचित हो जाएंगे. राजस्थान लोक सेवा आयोग के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि परीक्षा की तिथि जून-जुलाई में रखी जाए. इसके अलावा 1 नवंबर 2019 को प्रथम ग्रेड टीचर के 11000 वैकेंसी खाली है जिसे भी भर्ती के लिए रखा जाए. परीक्षा की सीटें 5000 से बढ़ाकर 15000 की जाए.
विकलांग छात्रा नैनी अस्पताल में भर्ती
इन छात्रों में से एक विकलांग छात्रा नैनी की हालत इतनी खराब है कि उसे सवाई मानसिंह अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है. उसने अपनी मांगे नहीं माने जाने तक खाने पीने से मना कर दिया है. इन छात्रों की मांग है कि राजस्थान के बाहर से आने वाले छात्रों को रोकने के लिए भी उपाय किया जाए.
आंदोलनकारी छात्र राज्य सरकार के सभी मंत्रियों समेत उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मिल चुके हैं. उनका कहना है कि सरकार इनकी मांगे नहीं मानी तो कांग्रेस के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे. बता दें 5000 सीट के लिए राजस्थान में करीब 10 लाख लोगों ने आवेदन किए हैं.