
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में 11 जनवरी को पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में फैसला आने वाला है. उससे पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को कोर्ट में फिजिकली पेश करने को लेकर हरियाणा पुलिस की सांसें फूली हुई थी. पुलिस को डर था कि अगर रेप के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में फिजिकली पेश करने के लिए बाहर लाया जाएगा तो ऐसे में प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और डेरा सच्चा सौदा समर्थक एक बार फिर से बेकाबू हो सकते हैं.
इस पूरे मामले में हरियाणा सरकार की अपील पर पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने हरियाणा पुलिस और हरियाणा सरकार को बड़ी राहत देते हुए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने की इजाजत दे दी. अब 11 जनवरी को गुरमीत राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा और कोर्ट का फैसला सुनाया जाएगा.
दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 20 साल कैद की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम पर एक और हत्या के मामले में अदालत का फैसला 11 जनवरी को आने वाला है. गुरमीत पर 16 वर्ष पूर्व हुई पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में 11 जनवरी को बड़ा फैसला सुनाया जाने की संभावना है. मामले में पिछले सप्ताह सुनवाई पूरी हुई थी. साध्वी दुष्कर्म मामले में सजा सुनाने वाले जज जगदीप सिंह ही छत्रपति हत्याकांड में फैसला सुनाएंगे.
राम रहीम की वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये पेशी किए जाने के निर्देश से हरियाणा सरकार ने भी राहत की सांस ली है. दरअसल, साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला व हरियाणा के अन्य इलाकों में व्यापक हिंसा हुई थी. इससे हरियाणा सरकार कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित थी. इसी वजह से हरियाणा सरकार की तरफ से अपील लगाई गई थी कि गुरमीत राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के सामने पेश करने की अनुमति दी जाए, जिसे कोर्ट ने मान लिया है.
गुरमीत राम रहीम भले ही रेप के मामलों में 20 साल की सजा इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में काट रहा हो, लेकिन उस पर अभी भी साधुओं को नपुंसक बनाने और हत्या के कई मामले चल रहे हैं. इनमें से कई मामले अपने अंतिम चरण में है. लेकिन हरियाणा पुलिस के सामने चुनौती ये है कि गुरमीत राम रहीम के समर्थक अभी भी भारी तादाद में मौजूद हैं. ऐसे में अगर गुरमीत राम रहीम को जेल से बाहर निकाल कर बार-बार कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा तो प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालना हरियाणा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगी. इसी वजह से पुलिस की कोशिश है कि इन तमाम मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही गुरमीत राम रहीम को पेश किया जाए और फैसला सुनाने के दिन भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही उसे सजा का ऐलान किया जाए या फैसला सुनाया जाए.