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#MeToo: विनोद दुआ को बेटी का सपोर्ट, यौन उत्पीड़न का लगा है आरोप

जाने माने पत्रकार विनोद दुआ पर एक महिला फिल्मकार ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. उधर, मल्लिका दुआ ने पिता का सपोर्ट किया है.

विनोद दुआ (फेसबुक) विनोद दुआ (फेसबुक)
हंसा कोरंगा
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST

दिग्गज पत्रकार विनोद दुआ का नाम भी #MeToo मूवमेंट में सामने आया है. फिल्ममेकर निष्ठा जैन ने सालों पहले विनोद द्वारा किए गए सैक्सुअल हैरेसमेंट की कहानी बयां की है. आरोप सामने आने के बाद विनोद दुआ की बेटी कॉमेडियन मल्लिका दुआ ने पिता का समर्थन किया है. उधर, निष्ठा जैन ने अपनी पोस्ट में दुआ की बेटी का जिक्र करने को लेकर माफी मांग ली है.

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निष्ठा जैन ने फेसबुक पोस्ट पर अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने लिखा- ''ये जून 1989 की बात है. मेरा बर्थडे था. मैं फेमस टीवी पर्सनैलिटी को इंटरव्यू देने गई थी, जो कि उन दिनों पॉपुलर शो जनवाणी करते थे. जब मैं पहुंची तो मेरे बैठने से पहले ही उन्होंने धीमी आवाज में अश्लील मजाक किया. वो मजाक हंसने लायक नहीं था, बेहद भद्दा था. मैं गुस्से में वहां बैठी रही.''

''उन्होंने मुझे जॉब के बारे में बताया और मुझसे सैलरी के बारे में बात की. पूछा कि तुम कितनी सैलरी चाहती हो? मैंने कहा- 5000 रुपए. उन्होंने मेरी तरफ देखा और कहा- तुम्हारी औकात क्या है? मैं शॉक्ड रह गई थी. घर पहुंचने तक मेरी आंखों में आंसू थे. मेरा बर्थडे खराब हो चुका था. बाद में मुझे दूसरी कंपनी में नौकरी मिली. पता नहीं कैसे उस शख्स को इस बारे में मालूम पड़ा. मेरे ऑफिस के लोग उसके दोस्त थे. उन्होंने उसे मेरी टाइमिंग के बारे में बताया.''

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''एक रात मैं जब पार्किंग में गई तो वो वहां मौजूद था. उसने कहा कि वो मुझसे बात करना चाहता हैं. मुझे अपनी गाड़ी में बैठने को कहा. मैं गाड़ी मैं बैठी ही थी कि वो मुझे बुरी तरही के ताकने लगा. मैं किसी तरह से वहां से भागी. इसके बाद भी उसने कई दिनों तक मेरा पीछा किया. वो शख्स विनोद दुआ था. आज वे दुनिया को यौन उत्‍पीड़न का मतलब समझाता है. लेकिन इससे पहले उसे अपने अतीत में झांकना चाहिए.''

मल्लिका दुआ ने किया पिता को समर्थन

विनोद दुआ की बेटी मल्लिका ने पिता को सपोर्ट करते हुए लिखा- ''निष्ठा जैन, अगर मेरे पिता ने ये सब किया है तो ये अस्वीकार्य है. मैं इस मूवमेंट के पक्ष में हूं. लेकिन इसमें मेरा नाम घसीना भयावह है. अवसरवादी भक्तों और ट्रोल्स, जो इसे मुझसे जोड़ रहे हैं, बता दूं मैं अभी भी सर्वाइवरों के साथ खड़ी हूं. महिलाओं को अपने एंटरटेनमेंट के लिए बयान देने को मजबूर ना करें. ये मेरे पिता की लड़ाई है. मैं उन्हें लड़ने दूंगी और उनके साथ खड़ी रहूंगी.''

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