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अमेरिका में अगस्त में ही हैक हुए 7.6 करोड़ बैंक खाते

अमेरिकी बैंक जेपी मोर्गन चेज ने एक नई सूचना जारी कर कहा है कि अगस्त में करीब 7.6 करोड़ चालू खाते और 70 लाख लघु उद्यम साइबर हमले की चपेट में आए. अमेरिकी सुरक्षा और विनिमय आयोग के समक्ष गुरुवार को पेश आधिकारिक दस्तावेज में बैंक ने बताया है कि जेपी मोर्गन चेज एंड कंपनी के वेब और मोबाइल एप्लीकेशनों में किस तरह के आंकड़ों की चोरी की गई है.

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aajtak.in
  • न्यूयार्क,
  • 03 अक्टूबर 2014,
  • अपडेटेड 12:19 AM IST

अमेरिकी बैंक जेपी मोर्गन चेज ने एक नई सूचना जारी कर कहा है कि अगस्त में करीब 7.6 करोड़ चालू खाते और 70 लाख लघु उद्यम साइबर हमले की चपेट में आए. अमेरिकी सुरक्षा और विनिमय आयोग के समक्ष गुरुवार को पेश आधिकारिक दस्तावेज में बैंक ने बताया है कि जेपी मोर्गन चेज एंड कंपनी के वेब और मोबाइल एप्लीकेशनों में किस तरह के आंकड़ों की चोरी की गई है.

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दस्तावेज के मुताबिक हैकरों ने नाम, पता, टेलीफोन नंबर, ई-मेल पता तथा कंपनी की आंतरिक सूचना जैसी चीजों की चोरी की हैं. बैंक ने हालांकि इस चोरी का कोई प्रमाण नहीं दिया, लेकिन जांच शुरू कर दी गई है. दस्तावेज में कहा गया है, ‘कंपनी स्थिति की निगरानी और नियंत्रण तथा जांच कर रही है. साथ ही बैंक सभी सरकारी जांच एजेंसी का साथ दे रहा है.’

जेपी मोर्गन चेज अमेरिका की उन पांच कंपनियों में से एक है, जिन पर साइबर हमले हुए हैं. हमले के कारणों का हालांकि पता नहीं चल पाया है. संघीय जांच ब्यूरो यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि हमले कहां से हो रहे हैं और उन हमलों की मंशा पैसे चोरी करना है या कुछ और.

जेपी मोर्गन के प्रवक्ता पैट्रीसिया वेक्सलर ने कहा, ‘हमारे जैसी बड़ी कंपनियों पर रोजाना साइबर हमले होते रहते हैं. इन हमलों से निपटने के लिए हमारे पास कई चरणों की सुरक्षा व्यवस्था है.’ पिछले कुछ साल से अमेरिका के बैंकों पर साइबर हमले बढ़े हैं. अधिकतर हमलों का मकसद पैसे चुराना होता है. जेपी मोर्गन का मामला कुछ अलग तरह का होने के कारण अधिकारियों ने इस पर विशेष ध्यान दिया है.

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