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विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) ए पी शाह ने सोमवार को जजों की नियुक्ति के लिए प्रस्तावित न्यायिक आयोग से जुड़े कुछ मुद्दे उठाए और कहा कि इसे वीटो पावर नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे लेन-देन (ट्रेड ऑफ) को बढ़ावा मिल सकता है. उन्होंने प्रस्तावित कानून को एक गंवाया हुआ मौका करार दिया क्योंकि इसमें मौजूदा कोलेजियम प्रणाली की कुछ खामियां अब भी हैं.
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘आयोग के पास वीटो पावर नहीं होना चाहिए. वीटो पावर ने लेन-देन को बढ़ावा दिया है. जैसे आप मेरा उम्मीदवार लीजिए, मैं आपका उम्मीदवार लूंगा. इस कार्यक्रम में भारत के पूर्व चीफ जस्टिस आर एम लोढ़ा और ओडि़शा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी शामिल थे.
जस्टिस शाह आयोग का विरोध करते हुए प्रतीत नहीं हुए बल्कि उसके कुछ प्रावधानों का जिक्र किया और कहा कि जबतक खामियों पर विचार नहीं किया जाता, यह कालेजियम प्रणाली से अलग नहीं होगा.