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यूएन के फैसले पर है जुलियन असांजे की आखिरी उम्मीद, छोड़ेंगे इक्वाडोर एंबेसी

असांजे ने गुरुवार को कहा कि अगर शुक्रवार को यूएन यह ऐलान कर देता है कि मैं यूके और स्‍वीडन के खिलाफ अपना केस हार चुका हूं तो मुझे दोपहर में दूतावास खाली कर देना चाहिए.

जुलियन असांजे जुलियन असांजे
केशव कुमार
  • लंदन,
  • 04 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

विकीलीक्स शुरू करने वाले जुलियन असांजे लंदन में स्थित इक्‍वाडोर दूतावास छोड़ देंगे. वह जून 2012 से वहां शरण लिए हुए हैं. उन्होंने कहा है कि अगर यूएन की पैनल उनके खिलाफ फैसला देती है तो वह खुद को ब्रिटेन की पुलिस के हवाले कर देंगे.

यूएन के फैसले पर है इकलौती उम्मीद
असांजे ने गुरुवार को कहा कि अगर शुक्रवार को यूएन यह ऐलान कर देता है कि मैं यूके और स्‍वीडन के खिलाफ अपना केस हार चुका हूं तो मुझे दोपहर में दूतावास खाली कर देना चाहिए. मुझे अपने आप को ब्रिटिश पुलिस के हवाले भी कर देना चाहिए क्‍योंकि अब आगे अपील करने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. विकीलीक्स के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए बयान में असांजे ने कहा है कि वैसे तो मुझे मजबूत होना चाहिए और राज्‍य के दल गैरकानूनी काम करते पाए जाने चाहिए, मैं उम्‍मीद करता हूं कि ऐसा हुआ तो मेरा पासपोर्ट तुरंत लौटा दिया जाएगा और गिरफ्तारी के आदेश भी खत्‍म कर दिए जाएंगे.

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असांजे को है अमेरिका प्रत्यर्पण का डर
असांजे पर लगे रेप के आरोपों के बाद से ही उन्‍होंने पूर्वी लंदन में स्थित इक्‍वाडोर दूतावास में शरण ले रखी है. साल 2010 में उनपर एक महिला ने यौन उत्पीड़न और रेप का आरोप लगाया था. असांजे इसे झूठा बताते हैं. उन्हें डर है कि उन्‍हें सेना और कूटनीति से जुड़े हुए दस्तावेज रिलीज करने के आरोप में अमेरिका को प्रत्‍यार्पित किया जा सकता है. साल 2014 में उन्‍होंने यूनाइटेड नेशंस के वर्किंग ग्रुप के सामने स्‍वीडन और ब्रिटेन के खिलाफ मनमानी हिरासत का केस दर्ज करवाया था. असांजे ने शिकायत की थी कि उन्हें दूतावास में कैद किया जाना गैरकानूनी है.

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