
विवादों से घिरे कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीएस कर्णन ने अवमानना के मामले में छह महीने की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद राहत पाने के लिए उच्चतम न्यायालय से गुहार लगायी है. उन्होंने कहा कि, ना तो उच्च न्यायालय ना ही उनके न्यायाधीश शीर्ष न्यायालय के अधीनस्थ हैं. न्यायमूर्ति कर्णन ने शीर्ष न्यायालय में एक याचिका दायर की है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल पुलिस अवमानना मामले में उनकी दोषसिद्धि के बाद उन्हें तलाश रही है. अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुंपारा की मार्फत दायर उनकी याचिका में कहा गया है, “याचिकाकर्ता कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश या सीजेआई द्वारा गठित सात न्यायाधीशों की पीठ में से किसी के भी अनुशासनिक क्षेत्राधिकार में नहीं हैं.”
याचिका में ये भी कहा गया है कि, हमारी संवैधानिक व्यवस्था के तहत उच्च न्यायालय उच्चतम न्यायालय के अधीनस्थ नहीं हैं, उच्च न्यायालय भी उच्चतम न्यायालय के समान ही स्वतंत्र हैं हालांकि उसके आदेश को उच्चतम न्यायालय में न्यायिक रूप से चुनौती दी जा सकती है. उच्चतम न्यायालय अपीलीय अदालत है.