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काबुल विस्फोट से गम में डूबा अफगानिस्तान, 100वां स्वतंत्रता दिवस समारोह स्थगित

अफगानिस्तान सरकार ने देश के 100वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में होने वाले समारोह को स्थगित कर दिया है. यह समारोह ऐतिहासिक दर-उल-अमन पैलेस में सोमवार को होना था.

काबुल में विस्फोट (फोटो-IANS) काबुल में विस्फोट (फोटो-IANS)
aajtak.in
  • काबुल,
  • 19 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST

अफगानिस्तान सरकार ने देश के 100वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में होने वाले समारोह को स्थगित कर दिया है, जो ऐतिहासिक दर-उल-अमन पैलेस में सोमवार को निर्धारित था. खामा प्रेस के मुताबिक राष्ट्रपति के प्रवक्ता सेदिक सेदिक्की ने कहा कि सचिवालय ने राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी के निर्देश पर अफगानिस्तान के 100वें स्वतंत्रता समारोह के आयोजन को टाल दिया है.

राष्ट्रपति ने काबुल में हुए विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति सम्मान और संवेदना व्यक्त करते हुए यह फैसला लिया है. सेदिक ने आगे कहा कि राष्ट्रपति अफगानिस्तान के 100वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आजादी के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक भाषण देंगे और स्वतंत्रता मीनार पर पुष्प चक्र अर्पित करेंगे.

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गौरतलब है कि शनिवार रात काबुल में एक शादी समारोह के दौरान विस्फोटकों से लैस एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था, जिसमें 63 लोग मारे गए और 182 घायल हो गए. इस हमले की दुनियाभर में निंदा हो रही है. इस बीच रविवार को विस्फोट में मारे गए लोगों को दफनाया गया, अधिकांश को सामूहिक रूप से दफनाया गया.

टोलो न्यूज के मुताबिक, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बयान में कहा, "मैं वेडिंग हॉल में अमानवीय हमले की कड़ी निंदा करता हूं. फिलहाल मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता इस बर्बर हमले के पीड़ितों के परिवारों की मदद करना है." तलिबान ने हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है.

भारत ने हमले की निंदा की

काबुल में एक वेडिंग हाल में किए गए घातक बम हमले की भारत ने कड़ी निंदा की, और इस आंतकी हमले के साजिशकर्ताओं और उन्हें शरण देने वालों को तत्काल कानून के कटघरे में खड़ा करने की मांग की. विदेश मंत्रालय ने जारी एक बयान में इस हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. बयान में कहा गया है, "भारत इस जघन्य आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं और उन्हें शरण देने वालों को जल्द से जल्द कानून के कटघरे में खड़ा करने का आह्वान करता है."

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