
भारत सरकार ने दिग्गज एक्टर कादर खान को पद्म श्री पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया है. लेकिन इस सम्मान को एक्टर अपने हाथों से नहीं स्वीकार कर पाएंगे. पिछले साल 31 दिसंबर को एक्टर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. करीब 200 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके कादर खान का हिंदी सिनमा जगत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. लेकिन जीते जी उन्हें भारत सरकार की तरफ से पद्म सम्मान नहीं मिला. इसी का अफसोस कादर खान के बेटे को भी है.
एक इंटरव्यू में सरफराज खान ने कहा- ''अच्छा होता अगर मेरे पिता इसे स्वीकार करने के लिए आसपास होते. लेकिन अगर भगवान किसी इंसान से खुश है, तो वे उसे उसके हिस्से की इज्जत देने का तरीका निकाल लेते हैं, उनके इस दुनिया से अलविदा कहने के बाद भी.'' सरफराज का मानना है कि ये पुरस्कार उनके पिता को लेट मिला.
बता दें, पिता के निधन के बाद सरफराज खान ने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों के प्रति अपनी निराशा जाहिर की थी. उन्होंने इंडस्ट्री के लोगों को बेरहम बताया. सरफराज का मानना था कि कनाडा जाने के बाद फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने उनके पिता को नजरअंदाज कर दिया था. फिल्म जगत के कई सारे लोगों ने उन्हें कनाडा में फोन तक नहीं किया था. सरफराज गोविंदा पर खूब बरसे थे.
उम्दा कलाकार थे कादर खान
कादर खान हरफनमौला कलाकार थे. उन्होंने 1973 में फिल्म दाग से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. एक्टिंग करने के अलावा कादर खान ने कई फिल्मों के डायलॉग भी लिखे थे. एक्टर ने डायरेक्शन के फील्ड में भी हाथ आजमाया. कादर खान अपने कॉमिक रोल्स से काफी पॉपुलर हुए. उनकी और गोविंदा की जोड़ी को परदे पर खूब पसंद किया गया. दोनों ने दरिया दिल, राजा बाबू, कुली नंबर 1, छोटे सरकार, आंखें, तेरी पायल मेरे गीत, आंटी नंबर 1, हीरो नंबर 1, राजाजी, नसीब, दीवाना मैं दीवाना, दूल्हे राजा, अखियों से गोली मारे जैसी फिल्में साथ कीं.