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8 जून से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा

इस साल नए मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा 18 जून से शुरू होगी जबकि पुराने मार्ग से यात्रा की शुरुआत 8 जून से हो जाएगी. पुराने मार्ग लिपुलेख से कुल 18 जत्थे भेजे जाएंगे.

कैलाश मानसरोवर कैलाश मानसरोवर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 7:26 PM IST

इस साल नए मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा 18 जून से शुरू होगी, जबकि पुराने मार्ग से यात्रा की शुरुआत 8 जून से हो जाएगी. पुराने मार्ग लिपुलेख से कुल 18 जत्थे भेजे जाएंगे. इसके प्रत्येक जत्थे में 60 लोग होंगे और नए मार्ग नाथूला से यात्रा 18 जून से शुरू होगी और इसके जरिए कुल 50 लोगों वाले पांच जत्थे भेजे जाएंगे.

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चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की सितंबर 2014 में हुई भारत यात्रा के दौरान भारत और चीन ने नाथूला वैकल्पिक मार्ग से यात्रा शुरू किए जाने को लेकर समझौते पर दस्तखत किए थे. समझौता उत्तराखंड स्थित मौजूदा लिपुलेख दर्रे के अतिरिक्त नाथूला से भी यात्रा किए जाने का विकल्प उपलब्ध कराता है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा, ‘नए मार्ग से यात्रा 18 जून से शुरू होगी, जबकि लिपुलेख मार्ग आठ जून को खुलेगा.’ उन्होंने बताया कि कुल 18 जत्थे पुराने मार्ग से भेजे जाएंगे. प्रत्येक जत्थे में 60-60 सदस्य होंगे. पांच जत्थे नाथूला मार्ग से भेजे जाएंगे. इन जत्थों में 50-50 सदस्य होंगे. विदेश मंत्री ने तीर्थयात्रा के लिए एक समर्पित वेबसाइट भी शुरू की.

सुषमा ने कहा, ‘पिछले साल तक यात्रियों को लिपुलेख दर्रे के जरिए यात्रा करने में मुश्किल क्षेत्र से गुजरना होता था. आम तौर पर युवा और मजबूत लोग ही इस मार्ग से यात्रा कर पाते थे. लेकिन नाथूला दर्रे से गुजरने वाला मार्ग मोटर वाहनों के पूरी तरह योग्य है जिससे कमजोर लोग वहां पहुंचने के लिए वाहन का सहारा ले सकते हैं.’

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