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कमल हासन का तंज- निठल्ले विधायकों के लिए 'काम नहीं तो वेतन नहीं' की नीति जरूरी

हासन ने कहा कि तमिलनाडु का कोई भी राजनीतिक दल उनकी विचारधारा से मेल नहीं खाता. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि हासन अपनी नई पार्टी बना सकते हैं.

कमल हासन कमल हासन
आशुतोष कुमार मौर्य
  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST

राजनीति में उतरने की घोषणा कर चुके दिग्गज अभिनेता कमल हासन अपने राजनीतिक एजेंडे को लेकर भी खुलकर सामने आ चुके हैं. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कमल हासन ने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ 'काम नहीं तो वेतन नहीं' फॉर्मूले को विधायकों पर लागू करने की बात कही है.

कमल हासन ने शुक्रवार को ट्वीट किया है, "काम नहीं तो वेतन नहीं का फार्मूला सरकारी कर्मचारियों के लिए ही क्यों? रिसॉर्ट में सौदा करने वाले नेताओं का क्या?"

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हासन ने अगले ट्वीट में कहा, "माननीय न्यायालय ने हड़ताल कर रहे शिक्षकों को (वेतन काटने की) चेतावनी दी है. मैंने अदालत से उन विधायकों के खिलाफ भी इसी तरह ही चेतावनी जारी करने को कहा है, जो काम नहीं करते."

हाल ही में न्यूज वेबसाइट 'द क्विंट' से हासन ने कहा कि वह तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं.

दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग से लेकर बॉलीवुड तक अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हासन हालांकि वादे करने में एहतियात भी बरतते नजर आते हैं.

वह कहते हैं, "मैं सबकुछ एकदम से बदल देने की बात नहीं कर रहा. बल्कि मैं बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने की बात कर रहा हूं. तमिलनाडु की राजनीति में परिवर्तन हो सकता है और वह तब्दिली मैं लाना चाहता हूं. भले ही यह बदलाव धीमी गति से हो."

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62 वर्षीय अभिनेता ने राजनीति में भ्रष्टाचार को अपना अहम मुद्दा बताया. गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद से ही तमिलनाडु की राजनीति अस्थिर चल रही है. इस बीच कमल हासन के अलावा एक अन्य दिग्गज अभिनेता रजनीकांत के भी राजनीति में उतरने के कयास लगते रहे हैं.

न्यूज वेबसाइट 'द क्विंट' से हाल ही में कमल हासन ने कहा, "या तो मैं जाऊंगा, या राजनीति से भ्रष्टाचार जाएगा. दोनों साथ नहीं रह सकते."

वहीं बह बेबाकी से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को दरकिनार कर कहते हैं, "या तो मुझे वोट न दें या दें तो सत्ता से बेदखल करने के लिए पांच साल तक इंतजार न करें. अगर मैं काम न कर पाऊं तो मुझे तुरंत सत्ता से हटा दें."

किसी राजनीतिक दल से जुड़ने की अटकलें खारिज करते हुए हासन ने कहा कि तमिलनाडु का कोई भी राजनीतिक दल उनकी विचारधारा से मेल नहीं खाता.

उन्होंने कहा, "एक राजनीतिक दल एक विचारधारा होती है. और मुझे नहीं लगता कि राजनीति में मेरा लक्ष्य किसी भी राजनीतिक दल की विचारधारा से मेल खाता है."

हासन तमिलनाडु में कई दशक से बारी-बारी से सत्ता संभालने वाले दोनों दलों, एआईएडीएमके और डीएमके, की आलोचना करते रहे हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि हासन अपनी नई पार्टी बना सकते हैं . वहीं हासन के माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी के संपर्क में होने की खबरें भी हैं. माकपा अगले साल हैदराबाद में होने वाली पार्टी की वार्षिक महासभा के एक सत्र में कमल हासन को बुलाने पर  विचार भी कर रही है. इस बीच हासन केरल के मुख्यमंत्री और माकपा पोलितब्यूरो के सदस्य पिनरई विजयन से भी मुलाकात कर चुके हैं.

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भाजपा का नाम लिए बगैर इससे असंबद्धता जताते हुए अपने राजनीतिक रुझान के बारे में हासन पहले ही कह चुके हैं कि निश्चित तौर पर उनका रंग भगवा नहीं है.

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