
अगले साल होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव कमलनाथ ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. बैठक करीब डेढ़ घंटे चली. कमलनाथ को पार्टी प्रमुख बनाने की अटकले चल रही है. ऐसा माना जा रहा है कि बैठक में नाथ ने मध्य प्रदेश के राजनीतिक हालात के बारे में सोनिया के साथ चर्चा की. नाथ हरियाणा के पार्टी महासचिव प्रभारी भी हैं. कांग्रेस सभी चुनावी राज्यों में अपने संगठन को मजबूत करने की प्रक्रिया में जुटी हुई है.
पिछले लोकसभा चुनाव से लेकर उत्तरप्रदेश के चुनाव तक कांग्रेस की करारी हार के बाद हाईकमान को राज्यों में दमदार क्षमता रखने वाले नेताओं की कमी महसूस हो रही है. माना जा रहा है कि कांग्रेसी दिग्गजों के बीच समन्वय बनाने के लिए ऐसे फार्मूले की तलाश की जा रही है कि कोई नेता नाराज न हो और कांग्रेस में एकजुटता आ जाए. सूत्रों की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजयसिंह पर बीजेपी के हमले को देखते हुए कांग्रेस कमलनाथ को कांग्रेस की कमान सौंपना चाह रही है.
कमलनाथ को कमान सौंपे जाने की उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है. क्योकिं हाई-कमान का मानना है कि अगर दिग्विजय सिंह का मध्यप्रदेश चुनाव में उपयोग करना है, तो कमलनाथ ही एक ऐसे नेता हैं. जिसके साथ दिग्विजय सिंह समन्वय के साथ काम करेंगे. अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमान सौंपी गयी, तो दिग्गजों में एकजुटता की कमी हो सकती है.
बता दें कि राज्य में भगवा पार्टी करीब 14 साल से सत्ता में है. मप्र में मौजूदा कांग्रेस प्रमुख अरूण यादव हैं. उन्हें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए चुना था.
ऐसे संकेत मिल रहे हैं, कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मामले में दिग्विजय सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी, लेकिन उन्हें प्रबंधन और रणनीति की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी अलग रहेंगे.