Advertisement

कमलनाथ सरकार ने बदला नियम, MP में अब पार्षद चुनेंगे मेयर

मध्य प्रदेश सरकार ने नगर निकाय एक्ट में बदलाव किया है. अब राज्य में मेयर का चुनाव सीधे तौर पर यानी प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं होगा, बल्कि अब पार्षद ही उनके बीच से मेयर और नगर पालिका अध्यक्ष चुनेंगे.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (फाइल) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (फाइल)
aajtak.in/रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 25 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 3:16 PM IST

  • कमलनाथ सरकार ने नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव को मंजूरी दी
  • मेयर और नगर निगम अध्यक्ष का चुनाव अब जनता नहीं कर सकेगी
  • पार्षद ही अपने बीच से मेयर-नगर निगम के अध्यक्ष का चुनाव करेंगे

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव को मंजूरी दे दी है. एक्ट में बदलाव के बाद अब राज्य में मेयर का चुनाव सीधे तौर पर यानी प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं होगा बल्कि अब पार्षद ही अपने बीच से मेयर और नगर निगम के अध्यक्ष का चुनाव करेंगे.

Advertisement

अब तक जनता सीधे मेयर को चुनती थी, लेकिन इस फैसले के बाद अब मेयर और नगर निगम अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के मतों पर होगा यानी जिस राजनीतिक दल के पार्षद ज्यादा होंगे उनका ही मेयर चुना जाएगा.

साथ ही कैबिनेट में यह फैसला भी किया गया कि आपराधिक छवि वाले पार्षदों को भी अब बख्शा नहीं जाएगा. पार्षद के खिलाफ अगर किसी अपराध की शिकायत आएगी और वो दोषी पाया जाएगा तो उस पर 6 महीने की सजा के साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माने लगाया जाएगा.

आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में भी नगर निगम में इसी प्रणाली के तहत चुनाव होते हैं. इसमें पहले सभी 272 सीटों पर पार्षदों के चुनाव होते हैं जिसके बाद पार्टी मेयर नॉमिनेट करती है और पार्षदों की वोटिंग के आधार पर मेयर चुन लिया जाता है.

Advertisement

बीजेपी ने जताया विरोध

कमलनाथ की कांग्रेस सरकार के इस कदम पर बीजेपी ने विरोध जताया है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस प्रणाली के जरिए कांग्रेस खरीद-फरोख्त की राजनीति को बढ़ावा देना चाहती है जो गलत है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement