
कमलेश तिवारी मामले में गुजरात एटीएस की पूछताछ में अहम जानकारी मिली है. सूत्रों के मुताबिक, हत्यारे कमलेश तिवारी से मिलने के लिए पहले से एक झूठी कहानी तैयार कर लाए थे.
अशफाक जिसने रोहित सोलंकी नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई थी, उसने कमलेश तिवारी को बताया था कि वो एक दूसरे धर्म की लड़की से शादी करना चाहता है, लेकिन परिवार वाले शादी नहीं होने दे रहे हैं. लिहाजा कमलेश तिवारी से मदद चाहता था. कमलेश तिवारी पहले भी दर्जनों लड़कों की शादी करवा चुके थे, इसलिए वो मिलने के लिए तैयार भी हो गए.
फर्जी शादी की कहानी पर चर्चा
हत्यारों ने कमलेश तिवारी के कत्ल से पहले ऑफिस में बिताए आधे घंटे में ज्यादातर इसी फर्जी शादी की कहानी पर चर्चा की. उसके बाद हत्या कर फरार हो गए. फरार होने के बाद अशफाक और मोईनुद्दीन दोनों ने उत्तर प्रदेश के कई शहरों में छिपने और इलाज कराने की कोशिश की, इसके लिए उन दोनों ने अपने कई परिचितों को भी फोन किया. यही से यूपी पुलिस और एटीएस गुजरात को इन्हें पकड़ने का रास्ता मिला, लेकिन बाजी गुजरात पुलिस ने मार ली.
गुजरात एटीएस और यूपी पुलिस ने इन दोनों हत्यारों के तमाम परिचितों और रिश्तेदारों के पीछे अपने लोग लगा दिए. मकसद था कि जैसे ही हत्यारे किसी भी तरह से मदद के लिए फोन करेंगे, तो उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाकर बुलाया जाएगा और यही हुआ भी.
यूपी पुलिस का प्लान नाकाम
अशफाक ने पुलिस के डर से सरेंडर करने के लिए संपर्क करना शुरू किया तो वकील और परिवार के जरिए उसे बुलाया गया और फिर एटीएस ने उन्हें धर दबोचा. यूपी पुलिस ने भी अपने लोग लगाए थे, लेकिन उनके जरिए सरेंडर कराने और पकड़ने का प्लान कामयाब नहीं हो सका. अब यूपी पुलिस जब तक इन दोनों की कस्टडी लेने की कार्रवाई कर रही है मुमकिन है कि गुजरात एटीएस इन लोगों से कड़ी पूछताछ कर पूरे मामले की साजिश और बाकी शामिल लोगों को गिरफ्तार कर एक बार फिर से बाजी मार ले.