Advertisement

कन्‍हैया बोले- उमर, अनिर्बान पर नहीं चले देशद्रोह का केस, देशभक्ति‍ किसी का पेटेंट नहीं

कन्हैया ने गुरुवार रात में अपने संबोधन में कही गई बात को दोहराते हुए कहा कि जेएनयू के खि‍लाफ योजनाबद्ध साजिश की गई है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कन्हैया प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कन्हैया
स्‍वपनल सोनल
  • ,
  • 04 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 6:28 PM IST

तिहाड़ जेल से गुरुवार शाम जमानत पर रिहा हुए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने शुक्रवार को जेएनयू कैंपस में मीडिया को संबोधि‍त किया. देशद्रोह के मामले में आरोपी कन्हैया ने कहा कि संविधान और अदालत पर उनका पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि जेएनयू में पढ़नेवाला कोई भी छात्र देशद्रोही नहीं हो सकता. काली घटा छटेगी और न्याय होगा.

Advertisement

कन्हैया ने गुरुवार रात में अपने संबोधन में कही गई बात को दोहराते हुए कहा कि जेएनयू के खि‍लाफ योजनाबद्ध साजिश की गई है. लेकिन उनका या उनके साथि‍यों का किसी से कोई मतभेद नहीं है, हां मनभेद जरूर है.

कन्हैया के क्या कहा-

- उमर, अनिर्बान पर देशद्रोह का केस नहीं चले. इस कानून का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.

- रोहित वेमुला के लिए इंसाफ की लड़ाई मैं जारी रखूंगा.

- अफजल को कानून ने सजा दी है. लेकिन वह मेरा आदर्श नहीं है.

- हम विक्ट्री नहीं यूनिटी मार्च कर रहे हैं.

- देश का संविधान कोई डॉक्टर्ड वीडियो नहीं है.

- मैं प्रधानमंत्री नहीं, देश का एक नागरिक हूं.

- देशभक्ति पर किसी का पेटेंट नहीं है.

- देश की न्यायिक प्रक्रिया में मेरा पूरा विश्वास है.

Advertisement

- कोई आदमी बता दे कि वो किसी मुल्क में रहता है तो उस मुल्क की खिलाफत की किसी भी कार्यवाही में कैसे शामिल हो सकता है?

- कोर्ट ने जो निर्देश दिए हैं, वो मेरा जीवन जीने का तरीका है. ये तो मेरा सपना है जो कोर्ट ने कहा है.

- मेरे लिए अफजल गुरु नहीं, रोहित वेमुला आइकन है.

- इस कैंपस के छात्रों ने मुझे अपना प्रतिनिधि चुना है.

- मुझे आगे चलकर टीचर बनना है, इसलिए सवाल पूछना और जवाब ढूंढ़ना गलत नहीं है.

- मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं राजनीतिज्ञ नहीं हूं. मैं सिर्फ एक छात्र हूं.

- हम अभि‍व्यक्ति‍ की आजादी के दायरे को समझते हैं. हम आजादी का मतलब भी समझते हैं.

- 9 फरवरी को जो कुछ हुआ हम उसकी घोर निंदा करते हैं. कोर्ट फैसला करे वह राजद्रोह है या नहीं.

- संविधानिक दायरे के बाहर जो चीज है, उसका कभी जेएनयू छात्र संघ ने न समर्थन किया है और न कभी करेगा.

- मनभेद नहीं है, इसलिए मैं 'मन की बात' नहीं कर रहा हूं.

- नीले आकाश में जो लाल सूरज निकला है, उसको काले बादल छुपा नहीं पाएंगे. खुशहाली की बरसात होगी.

- हक की लड़ाई लड़ना हमारा अधि‍कार है.

Advertisement

- हम कोई आतंकी नहीं, साजिश को नाकाम कीजिए.

- जेएनयू देश की वास्तवि‍क आवाज है.

- 145 देशों के छात्र जेएनयू में पढ़ते हैं.

- हमारा सरकार से मतभेद है, मनभेद नहीं है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement