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कानपुर: कोरोना से हुई इंजीनियर पिता की मौत, डीएम के पैरों में गिरी बेटी

अलका दुबे का आरोप है कि कांशीराम ट्रामा कोरोना हॉस्पिटल में उनके पिता के इलाज में घोर लापरवाही की गई है. जिसकी वजह से उनकी हालत बिगड़ी और फिर वक्त पर वेंटिलेटर नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई. इस बेटी के पिता राजीव दुबे जल संस्थान में इंजीनियर थे.

डीएम के पैरों में गिरी बेटी डीएम के पैरों में गिरी बेटी
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 10 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

  • अलका दुबे कानपुर के डीएम ब्रह्मदत्त तिवारी के पैरों पर गिरी

  • अलका का आरोप है कि अस्पताल ने पिता के इलाज में लापरवाही की

देशभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. कुछ ऐसा ही बुरा हाल उत्तर प्रदेश का भी है. यूपी के कानपुर से पिता की मौत से बदहवास एक बेटी की दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है. ये तस्वीर प्रशासन की लापरवाही को पोल खोलती है. अपने इंजीनियर पिता की मौत पर बदहवास अलका दुबे कानपुर के डीएम ब्रह्मदत्त तिवारी के पैर पड़ रही है.

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अलका दुबे का आरोप है कि कांशीराम ट्रामा कोरोना हॉस्पिटल में उनके पिता के इलाज में घोर लापरवाही की गई है. जिसकी वजह से उनकी हालत बिगड़ी और फिर वक्त पर वेंटिलेटर नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई. इस बेटी के पिता राजीव दुबे जल संस्थान में इंजीनियर थे. पहले उनके जीएम को कोरोना हुआ फिर उनसे कई कर्मचारियों को. उन्हीं में एक उनके पिता थे.

बीजेपी नेता और मृतक के भाई ने लगाए गंभीर आरोप

अलका का आरोप है कि जीएम साहब को इलाज की बढ़िया सुविधा मिली लेकिन उनके पिता के इलाज में व्यवस्था आड़े आ गई. बाद में कोरोना टेस्टिंग में मृतक इंजीनियर के दोनों बेटे और पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव आई गई हैं, जिसके बाद उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि डीएम साहब का दावा है कि इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई.

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सवाल ये है कि क्या इंजीनियर राजीव दुबे को प्लाज्मा थेरेपी दी गई. इंजीनियर के भाई और बीजेपी नेता संजय द्विवेदी कह रहे हैं कि बिना सिफारिश के उचित इलाज पाना भी संभव नहीं है.

कानपुर में कोरोना का कोहराम इस कदर मचा है कि बीते 1 दिन में 15 मरीजों की मौत हो गई. शहर में कोरोना विस्फोट के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे हैं. यूपी में बीते 24 घंटे में कोरोना के 4 हजार 600 से ज्यादा मामले बढ़े हैं. अबतक 2028 मरीजों की मौत हो गई है. यूपी में कानपुर, लखनऊ, नोएडा और आगरा सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. ऐसे में लोगों को मास्क और दो गज की दूरी का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

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