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वर्ल्ड कप जिताने से लेकर ये रिकॉर्ड्स हैं नाम, जानें क्यों महान हैं कपिल देव

भारत के पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन कप्तान कपिल देव आज अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं. 6 जनवरी 1959 को कपिल देव का जन्म हुआ.

Kapil Dev Kapil Dev
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

भारत के पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन कप्तान कपिल देव आज अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं. 6 जनवरी 1959 को कपिल देव का जन्म हुआ. महान हरफनमौला कपिल देव देश के सबसे कामयाब कप्तान और खिलाड़ी रहे. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने कई ऊंचाइयों को छुआ था. कपिल ने 17 साल की उम्र में क्रिकेट में डेब्यू किया. कपिल देव ने टेस्ट करियर की शुरुआत पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में 1978 में की थी. उन्होंने पहले तीन टेस्ट मैचों में सात विकेट हासिल किए थे.

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भारतीय क्रिकेट टीम में ऑल राउंडर के नाम पर कई खिलाड़ी आए और गए. लेकिन कपिल जैसा पहले कोई न था न आज है. स्विंग गेंदबाजी, बेहद चुस्त फील्डिंग और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन ऑल राउंडर और आक्रमक खिलाड़ी बनाया. भारत की पाटा विकटों पर विकेट निकालने में उन्हें महारत हासिल थी. जिसकी वजह से वो एक समय पर टेस्ट मुकाबलों में सबसे ज्यादा विकेट झटकने वाले दुनिया के नंबर एक गेंदबाज बने थे.

बेहतरीन बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे कपिल

अपने समय में कपिल देव की गिनती दुनिया के सबसे ज्यादा खौफनाक बल्लेबाजों में होती थी. कैसी भी विकेट हो, कोई भी गेंदबाज और दुनिया का कोई सा भी मैदान कपिल जब भी बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरते थे, तो बड़े-बड़े गेंदबाजों के पसीन छूट जाते थे. 1983 वर्ल्ड कप  के एक अहम मुकाबले में  जिम्बाव्वे के खिलाफ 17 रन पर भारत के पांच विकेट गिर गए थे. कपिल देव ने इस मैच में 175 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी.

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कपिल और सैय्यद किरमानी के साथ नौवें विकेट के लिए नाबाद 126 रनों की साझेदारी निभाई थी. 1990 में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर फॉलोआन के खतरे को टालने की मुश्किल चुनौती से जूझ रही थी. तभी कपिल ने आखिरी चार गेंदों पर चार शानदार छक्के जड़े थे. इसी के साथ टीम इंडिया ने फॉलोऑन बचा लिया था. कपिल देव ने 75 गेंदों में बेहतरीन 77 रन की बेहतरीन पारी खेली थी.

कपिल की कप्तानी में भारत ने जीता 1983 वर्ल्ड कप

कपिल देव की कप्तानी में भारत ने लॉर्ड्स के मैदान पर 1983 का वर्ल्ड कप जीता था. फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने उस समय की नंबर एक टीम वेस्टइंडीज को एक बेहद ही रोमांचक मुकाबले में करारी शिकस्त दी थी. इस जीत ने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर ही बदल कर रख दी थी और कपिल देव देश के सबसे कामयाब कप्तान बनकर सामने आये थे.

कैसे दिखी थी ऑलराउंडर बनने की झलक

कपिल देव ने टेस्ट करियर की शुरुआत पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में 1978 में की थी. उन्होंने पहले तीन टेस्ट मैचों में सात विकेट झटके थे. इसी सीरीज के कराची में खेले गए तीसरे टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 33 गेंदों पर 2 छक्कों की मदद से भारत का सबसे तेज अर्धशतक लगाया. इस मैच में उन्होंने 48 गेंदों में 59 रन बनाए थे, जिसमें आठ चौके और दो छक्के जड़े थे. इस पारी के बाद उनमें ऑलराउंडर होने का सबूत मिल गए थे.

कपिल देव का प्रदर्शन

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कपिल ने अपने चमकदार करियर के दौरान 131 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 31.05 की औसत से 5248 रन बनाए. अपने टेस्ट करियर में कपिल ने आठ शतक और 27 अर्धशतक लगाए. इसके अलावा उन्होंने 225 वनडे मुकाबलों में 23.79 की औसत के साथ 3783 रन बनाए. जिसमें उन्होंने एक शतक और 14 अर्धशतक लगाए.

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